‘साउथ एशिया एंड एशिया पेसिफिक मंथन अवार्ड’: मध्यप्रदेश बीज प्रमाणीकरण संस्था

‘साउथ एशिया एंड एशिया पेसिफिक मंथन अवार्ड’: मध्यप्रदेश बीज प्रमाणीकरण संस्था

किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन को मध्यप्रदेश बीज प्रमाणीकरण संस्था भोपाल को ई-एग्रीकल्चर एंड इकोलॉजी वर्ग में मिला ‘साउथ एशिया एंड एशिया पेसिफिक मंथन अवार्ड’ प्रस्तुत किया गया। अवार्ड डिजिटल एम्पॉवरमेंट फाउंडेशन द्वारा दिया गया। संस्था के साफ्टवेयर www.mpssca.org को यह अवार्ड 2014 ई-एग्रीकल्चर एण्ड इकोलॉजी वर्ग में प्रथम पुरस्कार के रूप में ट्राफी एवं प्रमाण-पत्र मिला है।

मंथन अवार्ड 2014 के लिए सभी वर्गों में कुल 400 नामांकन प्राप्त हुए। प्रथम चरण में 294 प्रतिभागियों का चयन किया गया। इसमें से 67 प्रतिभागी का चयन 13 विभिन्न वर्ग के लिए किया गया। ई-एग्रीकल्चर एंड इकोलॉजी वर्ग में मध्यप्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा प्रारंभ किए गए ‘सीड सर्टिफिकेशन एमआईएस’ का चयन किया गया। अवार्ड 4 दिसम्बर 2014 को इंडिया हेबिटेट सेन्टर, नई दिल्ली में दिया गया।

उल्लेखनीय है क्रिस्प के सहयोग से यह साफ्टवेयर हिन्दी भाषा में विकसित किया गया है। अधिक से अधिक बीज उत्पादक इसका उपयोग सरलता से कर सकते हैं। इससे प्रमाणीकरण कार्य के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ-साथ ऑनलाइन शुल्क भुगतान की सुविधा प्रदान की गई है। इससे समस्त प्रक्रियाओं में लगने वाले समय में बचत होगी। यह प्रणाली पूरी तौर पर पारदर्शी है। इससे प्रदेश के बीज उत्पादकों एवं किसानों को प्रमाणित बीज की उपलब्धता समय से सुनिश्चित होगी।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply