सहकारी ऋण शिविर: 675 करोड़ के सहकारी ऋण वितरित

सहकारी ऋण शिविर: 675 करोड़ के सहकारी ऋण वितरित

जयपुर -सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने बताया है कि सहकारी बैंकों द्वारा आयोजित ऋण शिविर किसानों, ग्रामीणों और महिलाओं के लिए वरदान सिद्घ हुए हैं। पूरे प्रदेश में केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 2 लाख 5 हजार से ज्यादा काश्तकारों को 675 करोड़ रुपए से अधिक के फसली सहकारी ऋण वितरित किए गए हैं।

श्री किलक ने बताया कि बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से प्रभावित काश्तकारों को राहत देते हुए अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर खरीफ के लिए फसली सहकारी ऋण उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार की गई और इसी को ध्यान में रखते हुए अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर पूरे प्रदेश में सभी 29 केन्द्रीय सहकारी बैंकों में ऋण शिविर आयोजित कर प्रभारी मंत्रीगण और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया।

जिला स्तरीय समारोह के साथ ही बैंकों की अन्य शाखाओं से 6 हजार से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य किसानों को ब्याजमुक्त फसली सहकारी ऋण दिए गए। उन्होंने बताया कि फसली सहकारी ऋण वितरण में लघु एवं सीमांत, अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के काश्तकारों को प्राथमिकता दी जा रही है। सहकारी बैंकों से प्राप्त आरंभिक सूचनाओं के अनुसार ऋण शिविर सहित इस अभियान में 67654 नए काश्तकारों को फसली सहकारी ऋण व्यवस्था से जोड़ा गया है।

सहकारिता मंत्री श्री किलक ने बताया कि इस वर्ष केवल 3 माह में ही खरीफ में अब तक 2 लाख 23 हजार नए किसान ब्याजमुक्त फसली सहकारी ऋण सुविधा का लाभ उठाते हुए 427 करोड़ रु.से अधिक का ऋण प्राप्त कर चुके हैं। शिविर के दौरान ही करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक के फसली सहकारी ऋण नए काश्तकारों को उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 20 प्रतिशत नए किसानों को ऋण सुविधा से जोडऩे के लक्ष्य को समय रहते पूरा कर लिया जाएगा।

प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री दीपक उप्रेती ने बताया कि यह पहला अवसर है जब पूरे प्रदेश में एक साथ प्रभारी मंत्रीगण और जनप्रतिनिधियों के हाथों सहकारी ऋणों का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि योजनावद्घ प्रयासों का ही परिणाम है कि अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस कार्यक्रम केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहकर किसानों व जरुरतमंद लोगों को सहकारी ऋण सुविधा उपलब्ध कराने का माध्यम बन गया।

श्री उप्रेती ने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा किसानों को सही मायने में लाभान्वित करने के उद्देश्य से योजनावद्घ रुपरेखा तैयार की और जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिला कलक्टरों व स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी तय की गई।

सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार डॉ. आर. वेंकटेश्वरन ने बताया कि शिविरों में फसली सहकारी ऋणों के साथ ही भूमि विकास बैंकों से दीर्घकालीन कृषि निवेश ऋण और केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों सहित आवासीय व अन्य ऋण वितरित किए गए। शिविरों मेें दो करोड़ 11 लाख रुपए के दीर्घकालीन सहकारी ऋण वितरित किए गए। इसके अलावा महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण, स्वरोजगार के ऋण व आवास ऋण भी दिए गए।

डॉ. वेंकटेश्वरन ने बताया कि बाड़मेर में 51 हजार, सीकर में 19 हजार, पाली में 18 हजार, बांसवाड़ा में 15 हजार, नागौर में 11 हजार, जैसलमेर में 9 हजार, जयपुर में 5 हजार सहित सभी सीसीबी द्वारा हजारों काश्तकारों को लाभान्वित किया गया हैं।

उन्होंने बताया कि इस दौरान 67 हजार से अधिक नए किसानों को 117 करोड़ रुपए का ऋण वितरण भी सहकारिता के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रयास किए गए कि राज्य व जिला स्तरीय समारोह में ऋण वितरण के साथ ही पेक्स स्तर पर भी ऋण वितरण किया गया जिससे बड़ी संख्या में काश्तकार लाभान्वित हो सके।

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