- December 1, 2016
सरपंच से नकद रहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करने का आग्रह
पंचायती राज मंत्रालय —————– केन्द्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री द्वारा की गई नोटबंदी संबंधी घोषणा के बाद देश में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्षों के दौरान शीर्ष नेतृत्व की मजबूत इच्छा शक्ति की बदौलत नीतिगत मोर्चे पर सामान्य परिवर्तनों के बजाय अनेक बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।
श्री तोमर आज यहां देश के 8 राज्यों से आए लगभग 1000 सरपंचों और ग्राम पंचायत सचिवों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सरपंचों से आम आदमी की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करके नकद रहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करने का आग्रह किया।
श्री तोमर ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री इस तरह का साहसिक कदम उठाकर अपनी कुर्सी को दांव पर लगा सकते हैं, तो सरपंचों को भी अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए तमाम जोखिम उठाने का संकल्प लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार पारदर्शिता, ईमानदारी एवं सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है और प्रधानमंत्री पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने को इच्छुक हैं।
मंत्री महोदय ने कहा कि 14वें वित्त आयोग में दो लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की राशि पंचायतों को आवंटित की गई, जबकि 13वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों के लिए सिर्फ 65 हजार करोड़ रुपये की राशि ही आवंटित की गई थी। यह गरीब ग्रामीणों के उत्थान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है।
पंचायती राज राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार गरीबों के कल्याण और गांवों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है तथा सरकार द्वारा घोषित की गई नोटबंदी योजना इस लक्ष्य को पाने में काफी मददगार साबित होगी।
इससे पहले श्री तोमर ने सरपंचों से आम विकासात्मक कार्यों के अलावा अनेक सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का भी अनुरोध किया, जिनमें सार्वभौमिक शिक्षा, टीकाकरण और शौचालयों का निर्माण भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करना है तथा पंचायती राज संस्थानों को और ज्यादा अधिकार प्रदान करने के लिए भविष्य में कई और कदम उठाए जाएंगे।
पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री जे. एस. माथुर ने अपने संबोधन में कहा कि पंचायती राज संस्थान ही शासन व्यवस्था के मुख्य स्तंभ हैं तथा हम उन्हें और ज्यादा मजबूती प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण स्थानीय प्रशासन के संचालन का एक महत्वपूर्ण अवयव है, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सफल ग्राम पंचायतों के सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा