• January 7, 2021

सरकारी स्कूलों को खोलने के सरकारी निर्देश के बाद बच्चों में कोरोना विस्फोट

सरकारी स्कूलों को खोलने के सरकारी निर्देश के बाद बच्चों में कोरोना विस्फोट

दैनिक भास्कर — बिहार में कोरोना का पहला केस मुंगेर से मिला था और अब सरकारी स्कूलों को खोलने के सरकारी निर्देश के बाद बच्चों में कोरोना विस्फोट का मामला भी इसी जिले में सामने आया है। मुंगेर के एक सरकारी स्कूल में 75 बच्चों की जांच की गई, जिनमें 25 कोरोना पॉजिटिव निकले। गया में एक हेडमास्टर के कोरोना पॉजिटिव निकलने से संपर्क के 8 टीचर क्वारेंटाइन हैं तो भागलपुर के प्राइवेट स्कूल के दो पॉजिटिव केस को भागलपुर के CS पिछले दो दिनों से छिपाए बैठे हैं। भागलपुर में एक संस्था के प्राइवेट स्कूल में 06 जनवरी को ही दो पॉजिटिव बच्चों की जानकारी सामने आई, लेकिन भास्कर टीम को सिविल सर्जन जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हैं। इस बीच मुंगेर के असरगंज प्रखंड के ममई उच्च विद्यालय में एक साथ 25 छात्र और शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गये हैं।

कंटेनमेंट जोन घोषित करने के साथ ही होगी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग

स्कूल में इतनी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने के बाद इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित करने का आदेश दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती ने यह आदेश दिया है। छात्रों के गांव के लोग और उनके संपर्क में आने वाले परिवार के लोगों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग कर सभी के जांच करने के निर्देश दे दिए गए हैं। सिविल सर्जन ने जानकारी दी कि ममई उच्च विद्यालय के शिक्षक समेत 75 छात्र-छात्राओं का टेस्ट कराया गया, जिनमें 25 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। स्कूल में संक्रमित पाये जाने वालों में 3 महिला शिक्षकाएं, 4 छात्राएं और 18 छात्र शामिल हैं।

अभिभावकों में संक्रमण को लेकर दहशत
मुंगेर के स्कूल में इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों और बच्चों के कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद से दहशत का माहौल है। गांव में दहशत का माहौल है। गया की तरह ही मुंगेर के स्कूल को बंद करने के आदेश दिये जा सकते हैं। साथ ही सैनिटाइजेशन पर भी जोर दिया जाएगा।

18 से जूनियर सेक्शन खोलने की संभावना नहीं

राज्य सरकार के निर्देश पर 04 जनवरी से बिहार में 9वीं और इससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ाई शुरू कराई गई है। जूनियर कक्षाओं में पढ़ाई शुरू कराने के लिए 18 जनवरी की तारीख निर्धारित करते हुए सरकार ने समीक्षा की बात कही थी। दूसरी तरफ जमीनी हकीकत यह है कि भास्कर ने स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन नहीं होने की पूरे बिहार की तस्वीर खबरों के जरिए दिखाई, तब भी सरकार ने सख्ती नहीं की। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करने के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बनाए जाने के कारण स्कूलों में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है, न सभी बच्चों को मास्क मिला है, न बच्चे-टीचर ही शत प्रतिशत मास्क में स्कूल आ रहे और न सैनिटाइजेशन की व्यवस्था है।

रिपोर्ट कार्ड 1- मास्क का नियम फेल
रिपोर्ट कार्ड 2- थर्मल स्कैनर तक नहीं
रिपोर्ट कार्ड 3- हवा हो गया सैनिटाइजेशन
रिपोर्ट कार्ड 4- आधे स्कूलों में ही सोशल डिस्टेंसिंग
रिपोर्ट कार्ड 5- फेल हुआ ऑड एंड इवन फॉर्मूला

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