• June 13, 2018

सरकारी विभागों व निजी प्रतिष्ठानों को दस प्रतिशत अप्रैंटिस रखना जरूरी

सरकारी विभागों व निजी प्रतिष्ठानों को  दस प्रतिशत अप्रैंटिस रखना  जरूरी

झज्जर——-अतिरिक्त उपायुक्त सुशील सारवान ने लघु सचिवालय में राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस)के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट की विभागीय अधिकारियों व निजी प्रतिष्ठान के संचालकों के साथ समीक्षा बैठक की।
13 ADC Jhajjar
एडीसी ने कहा कि अप्रैंटिस एक्ट 1961 के तहत जिले में कार्यरत सभी सरकारी विभागों व निजी प्रतिष्ठानों को कुल मंजूर पदों के दस प्रतिशत अप्रैंटिस रखना नियमानुसार जरूरी है।

प्रदेश सरकार ने उक्त एक्ट के तहत युवाओं को रोजगार के लिए कौशल युक्त बनाने के लिए विशेष मुहिम चलाई हुई है। जिसके तहत अभी तक जिला के सरकारी विभागों में लगभग 700 व निजी प्रतिष्ठानों द्वारा 206 अपरेंटिस रखे जा चुके हैं।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगस्त माह तक सरकारी विभागों में एक हजार व निजी प्रतिष्ठानों को कम से कम 700 अपरेंटिस रखने का लक्ष्य रखा गया है। जिस विभाग में लक्ष्य से कम अपरेंटिस रखे हैें वे विभाग इस कार्य में तेजी लाएं।

निजी प्रतिष्ठानों के संचालकों को भी इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। एडीसी ने कहा कि अगर किसी भी विभाग या निजी प्रतिष्ठान को एनएपीएस योजना के क्रियान्वयन में तकनीकी या अन्य बाधा आती है तो तुरंत अपने नजदीक की आईटीआई से संपर्क करें।

बैठक में जिला राजस्व अधिकारी मनबीर सांगवान, एनएपीएस के शिक्षुता सलाहकार एवं प्रिंसिपल आईटीआई झज्जर एट गुढ़ा जीतपाल, रविंद्र मल्हान, जेएपीओ कृष्ण, सुरेंद्र लुहाच, नरेंद्र कुमार, विपिन कुमार सहित विभागीय अधिकारी व निजी प्रतिष्ठान संचालक उपस्थित रहे।

तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत—- तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम (सीनियर डिविजन) राजेश कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए वर्षों से लंबित पुराने मामलों का निपटारा किया जाएगा ताकि लोगों को सस्ता, सुलभ व त्वरित न्याय मिल सके। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए 8 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जाएगी।

इस लोक अदालत के जरिए विभिन्न बेंच के माध्यम से पुराने मामलों पर सुनवाई कर उनका निपटारा किया जाएगा। लंबित केसों को निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के तहत वादी अपने विवाद को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारा करवा सकते हैं।

श्री यादव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का मकसद पुराने विवादों को आपसी भाई-चारे और न्यायपूर्ण तरीके निपटाना है। उन्होंने बताया कि सभी कम्पाउंडेबल विवाद जिनमें सजा का प्रावधान दो वर्ष से कम , पारिवारिक विवाद, किराया विवाद, बैंकों से संबंधित लोन या चेक बांउस आदि, सरकारी विभागों के आपसी विवाद, मनरेगा, बिजली -पानी, बिल विवाद, जमीन जायदाद से संबधित विवाद जैसे इंतकाल, यातायात से संबधित चालान व अन्य मामले,नगरपरिषद एक्ट के तहत विवाद, श्रमिक विवाद सहित अन्य पुराने विवाद जिन्हें अदालत उपयुक्त समझें, राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाएं जाएंगे।

सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में विवाद पूरी न्यायायिक प्रक्रिया के तहत ही निपटाएं जाते हैं। इसलिए वादियों और आमजन को इन अदालतों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए । उन्होने कहा कि जिन लोगों के विवाद लंबित है, वे अपने वकील के माध्यम से अपने विवाद को जल्द निपटारे के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत में ला सकते हैं।

Related post

राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक

राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक

PIB Delhi—-_— केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में गोवा के…
मणिपुर की सुरक्षा स्थिति पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

मणिपुर की सुरक्षा स्थिति पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

PIB Delhi——– केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में मणिपुर की…
कोयला प्रेषण फरवरी 2025 तक 178.02 मीट्रिक टन

कोयला प्रेषण फरवरी 2025 तक 178.02 मीट्रिक टन

PIB Delhi——- भारत का कोयला क्षेत्र फरवरी 2025 तक उत्पादन और प्रेषण दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ…

Leave a Reply