समाजवादी पार्टी का झंडा क्रांति का प्रतीक — पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी का झंडा क्रांति का प्रतीक — पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी का झंडा क्रांति का प्रतीक है। समाजवादी पार्टी के झंडे से भाजपा डरती है। तभी भाजपा नेतृत्व समाजवादी झंडे के बारे में अवांछनीय टिप्पणी करती है जबकि लाल झंडा परिवर्तन का संकेत है। कार्यकर्ताओं के संघर्ष का खून पसीना इसमें शामिल है।

उन्होंने कहा कि भाजपा अपने जन्मकाल से ही यथास्थितिवाद की पोषक रही है। भाजपा से किसी परिवर्तन की आशा नहीं की जा सकती है। भाजपा अपनी राजनीतिक संकीर्णता के कारण कुंठित हो गई है।

समाजवादी पार्टी का झंडा लगाओ अभियान भाजपा के झूठ फरेब से जनता को जागरूक करने और समाजवादी नीतियों से लोगों को परिचित कराने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। इसी प्रयास के तहत 15 से 25 दिसंबर तक समाजवादी पार्टी का झंडा लगाओ अभियान लाया गया है। इस दौरान सभी विधानसभाओं में बूथ कार्यकर्ताओं, समर्थकों तथा शुभचिंतकों के घरों पर करीब 10 लाख से अधिक झंडे लगाए गए हैं।

इसी क्रम में शनिवार को पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने डॉ. आशुतोष वर्मा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी का झंडा लगाया गया। मौके पर मुकेश शुक्ला, दीपक रंजन, डॉ. सीमा सिंह, नवीन धवन, देवेंद्र यादव जीतू, पूजा शुक्ला आदि मौजूद रहे।

विभिन्न दलों के लोगों ने ली सपा की सदस्यता

सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने शनिवार को निषाद सेना, भारतीय मानव समाज पार्टी तथा बसपा के कई पदाधिकारियों को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसमें निषाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद निषाद, गुलाब चंद्र मिश्रा, सौरभ पांडेय, मानव समाज पार्टी के विमल कुमार बिंद, प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के सौदागर बिंद, दिलीप कुमार सिंह आदि शामिल थे। इसी तरह चंदौली बसपा के पूर्व जिला प्रभारी गुल्लू गौतम, संजय यादव, अमित राम आदि शामिल थे।

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