- March 20, 2019
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट —असीमानंद समेत चारों आरोपी बरी
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पाकिस्तानी महिला राहिला वकील की याचिका पंचकूला की एनआईए कोर्ट ने खारिज करते हुए असीमानंद समेत चारों आरोपियों को बरी कर दिया है.
पंचकूला स्थित एनआईए की विशेष अदालत में बुधवार को राहिला की याचिका पर सुनवाई हुई जिसे कोर्ट ने सीआरसीपीसी की धारा 311 के तहत खारिज कर दिया.
14 मार्च को मामले में फैसला सुनाया जाना था,
लेकिन ठीक मौके पर राहिला ने ईमेल के माध्यम से याचिका दायर कर दी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला टाल दिया था. राहिला ने अपने वकील मोमिन मलिक के माध्यम से कहा था कि वह मामले में गवाही देना चाहती है.
मामला 18 फरवरी 2007 का है. समझौता एक्सप्रेस विस्फोट एक आतंकवादी घटना थी, जिसमें 18 फरवरी, 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुए थे. यह ट्रेन दिल्ली से अटारी, पाकिस्तान जा रही थी. इस ब्लास्ट में 68 लोगों की जान चली गई थी और 19 कब्रों को आज तक पहचान का इंतजार है. मामले के आरोपियों में से एक की हत्या हो गई थी और तीन को पीओ घोषित कर दिया गया था.
विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था. विस्फोट से लगी आग में कम से कम 68 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे. मारे गए ज़्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे.
अगस्त 2014 में केस में आरोपी स्वामी असीमानंद को जमानत मिल गई. कोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) असीमानंद के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पाई थी. उन्हें सीबीआई ने 2010 में उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया था.
उन पर वर्ष 2006 से 2008 के बीच भारत में कई जगहों पर हुए बम धमाकों को अंजाम देने से संबंधित होने का आरोप था. असीमानंद के खिलाफ मुकदमा उनके इकबालिया बयान के आधार पर बना था लेकिन बाद में वे ये कहते हुए अपने बयान से मुकर गए थे कि उन्होंने वे बयान टॉर्चर किए जाने की वजह से दिया था.
(न्यूज 18)