सबसे भारी गिरावट 76 रुपए = 1 डॉलर

सबसे भारी गिरावट 76 रुपए = 1 डॉलर

अमेरिका मुद्रा डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट थम नहीं रही है। आज रुपया प्रति डॉलर 76 का स्तर पार कर गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने डॉलर की भारी बिकवाली की थी मगर इससे भी रुपये को खास मदद नहीं मिली। पिछले 11 महीनों में साप्ताहिक आधार पर रुपये में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है। इस सप्ताह रुपया डॉलर की तुलना में 1.15 प्रतिशत कमजोर हो गया।

बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में कारोबारियों ने कहा कि भारतीय मुद्रा सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचती दिख रही है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल का दाम अगर इसी तरह बढ़ता रहा तो रुपया डालर की तुलना में 77 का स्तर छू सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि मार्च अंत तक रूस और यूक्रेन के बीच सैनिक संघर्ष थमने तक रुपया 77 के स्तर तक फिसल कर ऊपर चढऩा शुरू कर सकता है।

इस बारे में कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड में डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट, करेंसी डेरिवेटिव्स ऐंड इंटरेस्ट डेरिवेटिव्स, अनिंद्य बनर्जी कहते हैं, ‘ऐसे कम मौके आते हैं जब भू-राजनीति की वजह से वित्तीय बाजार में उठापटक दिखती है। पिछले दो हफ्तों से कुछ ऐसा ही देखने में आ रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई में भारतीय मुद्रा, भारतीय बॉन्ड और भारतीय शेयरों पर असर हो रहा है। तेल के दाम, अमेरिकी डॉलर सूचकांक और वैश्विक शेयर मूल्य इसके पीछे प्रमुख कारक हैं।’ बनर्जी ने कहा कि अगले सप्ताह वित्तीय आंकड़ों के लिहाज से अधिक सरगर्मी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, ‘तेल के दाम, शेयर और अमेरिकी डॉलर सूचकांक अमेरिकी मुद्रा और रुपये का विनिमय मूल्य तय करेंगे।’

इससे पहले 16 अप्रैल 2020 को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 76.87 के स्तर पर बंद हुआ था, जो रुपये का सर्वकालिक निचला स्तर था। 22 अप्रैल 2022 को कारोबार के दौरान रुपया 76.92 तक पहुंच गया था। मौजूदा सप्ताह लगातार चौथा कारोबारी सत्र रहा, जब अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया कमजोर रहा। शुक्रवार को यूक्रेन ने दावा किया था कि रूस ने एक परमाणु संयंत्र पर हमला किया था और उसे अपने कब्जे में ले लिया था।

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