• November 26, 2015

सन्त नगरी के रूप में विकसित होगा पुष्कर – शिक्षा राज्य मंत्री

सन्त नगरी के रूप में विकसित होगा पुष्कर – शिक्षा राज्य मंत्री

जयपुर -शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला विश्व के करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है। पुष्कर का टेम्पल टाउन और सन्त नगरी के रूप में विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने भी पुष्कर के विकास के लिए विशेष निर्देश दिए हैं।
प्रो. देवनानी ने यह बात बुधवार को अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष लाखों लोग पुष्कर सरोवर और जगत पिता ब्रह्मा के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए आते हैं। वेदों और पुराणों में भी पुष्कर को तीर्थराज के रूप में मान्यता दी गई है।
प्रो. देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे पुष्कर के विकास को लेकर कृतसंकल्प हैं। उन्होंने पुष्कर को सन्तों की नगरी और टेम्पल टाउन के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। पुष्कर का विशेष मास्टर प्लान भी तैयार करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं भी मेले के दौरान दो दिन तक यहां रहीं और मेले की व्यवस्थाओं को स्वयं देखा।
उन्होंने कहा कि पुष्कर को पर्यटन और अध्यात्म के केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के निर्देशन में पुष्कर को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन और आध्यात्मिक केन्द्र के रूप में उभारा जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा मेलो में बसती है। मेलो में अनेकता में एकता और विविधतापूर्ण भारतीय संस्कृति साकार हो उठती है। पुष्कर मेले में भी यही विशेषताएं मौजूद हैं। केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा शीघ्र ही पुष्कर मेला क्षेत्र में स्थायी विश्राम स्थली की मंजूरी दी जाएगी।
कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला देश के सबसे बड़े धार्मिक और पशु मेलो में से एक है। पुष्कर तेजी से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में पहचान बना रहा है। यहां प्रतिवर्ष लाखों लोग श्रृद्घापूर्वक दर्शन करने आते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे स्वयं पुष्कर में व्यवस्थाओ और विकास के बारे में जानकारी ले रही हैं। इस बार वे स्वयं दो दिन तक यहां रहीं। मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत रुचि लेने के कारण इस बार मेला अभूतपूर्व रूप से सफल रहा।
उन्होंने मेले से जुड़े प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को सफल आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि शीघ्र ही पुष्कर में आने वाले मेलार्थियों के लिए स्थायी विश्राम स्थली निर्माण का प्रयास किया जाएगा। अगले वर्ष मेले में आने वाले श्रृद्घालुओं के लिए और अधिक व्यवस्थाएं की जाएंगी।
पुष्कर विधायक श्री सुरेश रावत ने सभी को मेले के सफल आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि मेले में आने वाले सभी लोग यहां से स्वच्छता का संकल्प लेकर जाएं। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
इससे पूर्व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समापन समारोह में चार चांद लगा दिए। जिले के विभिन्न स्कूलों की बालिकाओं ने राजस्थानी गीतों पर शानदार सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। इसी तरह चकरी, कच्छी घोड़ी, गैर, चंग, कालबेलिया नृत्यों और अलगोजा वाद्य की प्रस्तुति ने भी सभी का मन मोह लिया। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. देवनानी एवं अन्य अतिथियों ने राज्य पशु ऊंट को माला पहनाकर उसके संरक्षण का सन्देश दिया। आर्यवीर दल के युवाओं और बच्चों ने योग एवं व्यायाम का शानदार प्रदर्शन किया। रस्साकशी और मटका दौड़ ने भी लोगों का खूब मनोरंजन किया।
पशुपालन विभाग मेला अधिकारी श्री वीरेन्द्र गांधी ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर जिला पुमुख सुश्री वंदना नोगिया, पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष श्री कमल पाठक, जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे। संचालन श्रीमती लक्ष्मी पोपटानी और लक्ष्मी मालवीय ने किया।

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