- September 30, 2015
सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की बैठक ::12 हजार 161 परिवारों को रोजगार
रायपुर – बस्तर संसदीय क्षेत्र के सां सद श्री दिनेश कश्यप की अध्यक्षता में जिला कार्यालय के आस्था सभाकक्ष में जिला स्तरीय सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती जबिता मण्डावी, विधायक श्री दीपक बैज, जिला पंचायत की उपाध्यक्ष श्रीमती महेश्वरी पाण्डेय सहित अन्य सदस्यगण, कलेक्टर श्री अमित कटारिया, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के. एल. चौहान तथा विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री चौहान ने ऑडियो-वीडियों के प्रदर्शन के माध्यम से पंचायतों के द्वारा संचालित विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् 12 हजार 161 परिवारों को रोजगार प्रदाय किया गया है, जिससे 2 करोड़ 22 लाख 847 मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए बैंकों और पोस्ट आफिसों में 1 लाख 98 हजार 558 खाते खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 में 10 हजार 25 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से 5 करोड़ 41 लाख रूपये व्यय कर 2 हजार 64 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए बस्तर जिले के बकावण्ड, बास्तानार और दरभा जिले के 14 सौ किसानों को सिंचाई पंपों के माध्यम से लाभांवित करने की योजना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 में 17 सौ वनपट्टाधारियों को मनरेगा के अंतर्गत भूमि सुधार कार्य, बकरी पालन शेड, नाडेप टेंक, डबरी निर्माण, कुआं निर्माण, मुर्गी पालन शेड और दुधारू पशुओं के लिए सहायता दी जाएगी।
इंदिरा आवास हेतु पात्र निःशक्तजन आवेदन दे सकते हैं
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि जिले में संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत 4 हजार 777 समूह गठित किए गए है। इंदिरा आवास योजना के तहत् वर्ष 2014-15 में 1959 आवास बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध 1903 आवास स्वीकृत किए गए तथा उनमें से 1889 आवास पूर्ण किए गए हैं। वनाधिकार आवास के अंतर्गत 7679 आवास स्वीकृत किए गए जिसमें से 6456 आवास पूर्ण किए गए हैं। वर्ष 2015-16 में 2059 इंदिरा आवास बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध 1759 आवास स्वीकृत किए गए तथा इनमें से 1590 को प्रथम किस्त की राशि स्वीकृत कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि इंदिरा आवास के अंतर्गत निःशक्तजनों के लिए आवास बनाए जाने हैं, इसके लिए पात्र निःशक्तजन आवेदन कर सकते हैं।
5 गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने का प्रयास
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2015-16 में बस्तर जिले के 3 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है। इनमें से बस्तर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बालेंगा, बास्तानार विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मूतनपाल का ग्राम नाकटोका तथा दरभा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत लेण्ड्रा का ग्राम सेड़वा शामिल है। इसी तरह 5 गांव में स्वच्छता संबंधी सराहनीय कार्य हो रहे है इसमें से बस्तर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खोरखोसा और चपका के साथ-साथ बास्तानार के ग्राम बास्तानार बकावण्ड का ग्राम पंचायत करीतगांव तथा तोकापाल का ग्राम पंचायत सिंघनपुर को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत बनाए गए ऐसे शौचालयों जो वर्तमान में टूटफूट गए है या उपयोग में नहीं आ रहे है उन्हें ग्रामवासियों के बीच जागरूकता के माध्यम से फिर से बनाने और उपयोग में लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष तथा डी.आर.डी.ए. योजना के अंतर्गत संचालित कार्यों की भी जानकारी दी।
एन.आर.डी.डब्ल्यू.पी. योजना के अंतर्गत 534 नलकूपों के खनन का लक्ष्य
बैठक में प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम की जानकारी दी और बताया कि इसका उद्देश्य सभी बसाहटों के प्रत्येक घर में समुचित मात्रा में गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराना है। एन.आर.डी.डब्ल्यू.पी. योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में 534 नलकूपों का खनन किए जाने का लक्ष्य है, इसके अंतर्गत 100 नलकूप आंगनबाड़ी केन्द्रों और 30 नलकूल शासकीय ग्रामीण शालाओं में खनन किए जाएंगे। इनमें से 104 नलकूपों का खनन किया जा चुका है, जिसमें से 76 नलकूप सफल रहे हैं।
बैठक में सांसद श्री दिनेश कश्यप ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे असफल पाए जाने वाले नलकूपों में ब्लास्टिंग जैसी तकनीकों के माध्यम से पानी लाने का प्रयास करें। नलकूपों के खनन के पूर्व उनके लिए सही जगह निर्धारित करने के उद्देश्य से सर्वेक्षण भी करवायें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे पानी में मौजूद आयरन तथा फ्लोराईड को अलग करने के उद्देश्य से मशीन भी लगवायें। बैठक में जानकारी दी गई कि बस्तर जिले में 11 हजार 90 हैण्डपंप स्थापित हैं, जिसमें से 10 हजार 994 हैण्डपंप कार्यरत है। सांसद श्री दिनेश कश्यप ने यह भी कहा कि जैसे ही हैण्डपंप खराब होने की खबर मिलती है वैसे ही उन्हें सुधारने का कार्य किया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि बस्तर जिले में स्वीकृत कुल 130 नलजल योजनाओं में से 77 पूर्ण हो गई तथा 26 प्रगति पर है। 27 योजनाओं में कार्य प्रारंभ होना शेष है। इसी तरह स्वीकृत 146 स्पाट सोर्स योजनाओं में से 68 पूर्ण हो गई है तथा 13 प्रगति पर है। बस्तर जिले में 308 बसाहटों में पेयजल हेतु सोलर पावर पंप स्थापित किए गए हैं, जिसमें से 304 सोलर पावर पंप कार्यरत है।
मार्च 2016 तक करीब 50 गांव में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित
बैठक में कलेक्टर श्री अमित कटारिया ने बताया कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् टेण्डर प्रक्रिया के कारण कुछ समय से रूका हुआ कार्य फिर से प्रारंभ हो गया है। इसके अंतर्गत मार्च 2016 तक जिले के करीब 50 गांव में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है तथा वर्ष 2016 अंतक तक 118 गांवों में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। 8 गांव में सोलर लाईट से विद्युतीकृत किए जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य हर गांव और पारे तक बिजली पहुंचाना है।