संस्कृतं जन भाषा भवेत–विवेक कौशिक (संस्कृत भारती के संगठन मंत्री)

संस्कृतं जन भाषा भवेत–विवेक कौशिक (संस्कृत भारती के संगठन मंत्री)

मधुबनी—– पावन धरा राजनगर स्थित बाबा भूतनाथ के दरबार में अपनी संस्कृति और संस्कृत के प्रति श्रद्धा रखनें वाले युवाओं की टोली के साथ मिलन कार्यक्रम के अवसर पर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पीएचडी कर रहे तथा संस्कृत के प्रचार-प्रसार केे प्रति समर्पित बिहार प्रान्त के संस्कृत भारती के संगठन मंत्री श्रीमान् विवेक कौशिक जी का उद्बोधन हुआ।

इन्होने कहा कि अपने शास्त्रों का अध्ययन किए बिना हम भारतीय सांस्कृतिक तथा वैज्ञानिक विरासत से परिचित नहीं हो सकते और इसके लिए हमें संस्कृत का अध्ययन नितांत ही करना होगा।

उन्होंने गीता में निहित विज्ञान की विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि सर्वप्रथम गीता में ही डीएनए की चर्चा हुई है ।

उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा इनका अभिनन्दन दुपट्टा ,पाग ,माला तथा श्रीमद् भगवद्गीता पुस्तक देकर किया गया।

कार्यक्रम का संचालन संस्कृत -भारती के नगरसंयोजक डा.श्याम सुन्दर चौधरी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन हरिभूषण जी ने किया।

कार्यक्रम में प्रांत संपर्क टोली सदस्य दिगंबर जी ,जिला प्रचारक संजय कृष्ण जी, रंजीत जी ,मिथिलेश जी, राम मोहन जी, राकेश साहू ,रंजीत मालाकार, मृत्युंजय कुमार कुंदन, गुणानंद झा जी, रामनारायण साहू , नारायण जी झा, सत्य नारायण झा राघवेंद्र राघव सहित अधिक संख्या में लोंगों की उपस्थिति रही।

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