षिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विस्तार के लिये प्रारंभ से ही काम कर रहे हैं:- मुख्यमंत्री

षिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विस्तार के लिये प्रारंभ से ही काम कर रहे हैं:- मुख्यमंत्री

पटना———- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने नारायणी कन्या उच्च विद्यालय पटना के 119 वें स्थापना दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। विद्यालय की प्राचार्य कुमारी माया ने मुख्यमंत्री को हरित गुच्छ, मोमेंटो और अंगवस्त्र भेंट कर उनका अभिनंदन किया। नारायणी कन्या उच्च विद्यालय की छात्राओं ने मुख्यमंत्री के अभिनंदन में स्वागत गान की भी प्रस्तुती दी।

मुख्यमंत्री के समक्ष विद्यालय की शिक्षिकाओं ने स्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित सभी छात्राओं को देश और देशवासियों की सुख, शांति, समृद्धि के साथ ही सामाजिक कुप्रथाओं नशाखोरी, बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा से समाज को मुक्त कराने का संकल्प दिलाया। इसके साथ ही छात्राओं ने महात्मा गाँधी के आदर्शों और उनके बताये हुये रास्तों पर चलते हुए देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करने का संकल्प लिया।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नारायणी कन्या उच्च विद्यालय के 119वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। इसके लिए इस विद्यालय की प्राचार्य को मैं धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय के साथ हमारा भावनात्मक लगाव है और इस विद्यालय की प्राचार्य कुमारी माया मेरी बहन जैसी हैं क्योंकि इनके पिताजी स्वर्गीय रामजी मेहता बख्तियारपुर विद्यालय में हमारे शिक्षक थे। उस स्कूल को स्थापित करने में हमारे पिताजी की भी बड़ी भूमिका थी। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय रामजी मेहता मेरे शिक्षक के साथ अभिभावक भी थे। उनके घर लगभग हम रोज जाया करते थे।

उन्होंने कहा कि जब मैं 1985 में विधायक बना उस समय मेरी पत्नी भी इस विद्यालय में शिक्षिका थीं। वर्तमान में 1500 से ज्यादा छात्राएं इस विद्यालय में पढ़ रही हैं यह खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ छात्राओं ने जो शपथ-संकल्प लिया कि वे महात्मा गाँधी के आदर्शों पर चलते हुए देश और देशवासियों की तरक्की के साथ ही नशाखोरी, बाल विवाह, दहेज-प्रथा जैसी सामजिक कुप्रथाओं को खत्म करने में अपना अहम योगदान देंगी यह सुनकर मुझे काफी अच्छा लगा। इसी तरह का संकल्प हर स्कूल में दिलाया जाना चाहिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गाँधी कहा करते थे कि मेरा जीवन ही मेरा सन्देश है। हमने महात्मा गाँधी के चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष में बापू के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों में कथावाचन की शुरुआत करवाई ताकि नई पीढ़ी के लोग महात्मा गाँधी के विचारों और आदर्शों से अवगत हो सकें। उन्होंने कहा कि अगर 10 प्रतिशत भी युवा पीढ़ी महात्मा गाँधी के विचारों को आत्मसात कर ले तो यह समाज और देश बदल जाएगा।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये एक वर्ग ऐसा है जो समाज में टकराव और तनाव का माहौल पैदा करने एवं लोगों को भड़काने की कोशिश में जुटा है। माहौल को प्रदूषित करने की कोशिश हो रही है इसे सभी को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन और नैतिकता का पाठ, अभिभावकों की गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, छात्र संवाद, महात्मा गाँधी के विचारों पर आधारित कथावाचन नियमित तौर पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब मैं एम0पी0 था तब करीब एक दस साल का लड़का मेरे पास आया और कहा कि सर….हम पढं़ेगे नहीं? वह दृश्य आज भी मुझे याद है। नवम्बर 2005 में जब बिहार की जनता ने हमें जिम्मेवारी सौंपी उस समय से ही हमने शिक्षा के विकास के लिए काम प्रारम्भ कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने काम संभाला और सर्वेक्षण कराया तो यह बात सामने आई कि साढ़े 12 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। उन्हें स्कूलों तक पहुंचाने का प्रयास शुरु किया गया और 27 हजार से ज्यादा नए स्कूल खोले गए, तीन से चार लाख शिक्षकों का नियोजन किया गया। स्कूलों से बाहर रहनेवाले बच्चों का सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि महादलित और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की संख्या इसमें सबसे ज्यादा हैं।

उन्होंने कहा कि स्कूल से बाहर रहनेवाले बच्चों को पढ़ाने के लिए महादलित टोलों में टोला सेवक को नियोजित किया। इसी तरह से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए तालीमी मरकज की व्यवस्था कर शिक्षा स्वयं सेवकों का चयन किया गया। अब स्कूल से बाहर रहनेवाले बच्चे एक प्रतिशत से भी कम हैं।

उन्होंने कहा कि स्कूल जाना अपने आप में एक शिक्षा है। हमलोग जब पढ़ने जाते थे तब जमीन पर बोरा बिछाकर बैठकर पढ़ते थें लेकिन आजकल प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे वातानुकूलित वाहनों में बैठकर विद्यालय पहुँच रहे हैं और वहां ए0सी0 क्लासरूम में अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आई0ए0एस0, आई0पी0एस0 जैसे उच्चे पदों पर पहुंचकर काम करने के लिए गर्मी और ठंडा दोनों बर्दाश्त करना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पोलिटेक्निक कॉलेज, पारा मेडिकल संस्थान, जी0एन0एम0 संस्थान, महिला आई0टी0आई0 और हर सबडिविजन में आई0टी0आई0, ए0एन0एम0 स्कूल, मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज के अलावे 5 नये मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस स्थापना दिवस समारोह के माध्यम से पहाड़ी और दीदारगंज में हाई स्कूल खोलने की मांग की गयी है। हमने शिक्षा विभाग को कह दिया है कि दोनों जगहों पर अगर मिडिल स्कूल हंै तो उसे हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में परिणत करने की दिशा में कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि आजकल पढ़ना सब कोई जानता है लेकिन क्या पढ़ना चाहिए यह हर कोई नहीं जानता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी के कारण माता-पिता अपनी बेटियों को मध्य विद्यालय नहीं भेज पाते थे। बालिकाओं को मिडिल और हाई स्कूल तक पहुंचाने के लिए हमने पोशाक योजना के बाद साइकिल योजना की शुरुआत की। इससे लड़कियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ और जब साइकिल योजना शुरू हुई तब 9वीं क्लास में पढ़नेवाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी जो अब बढ़कर 9 लाख हो गयी है। पोशाक योजना की राशि में बढोत्तरी की गई है।

आज जब लड़कियां समूह में साइकिल चलाते हुए पढ़ने जाती हैं तो इससे लोगों की सोच और मानसिकता के साथ-साथ दृश्य में भी बदलाव दिखता है। इन योजनाओं के कारण लड़कियों के अरमानों को पंख लग गये हैं और उनमे आगे बढने की ललक पैदा हो गयी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति के लिए इंडिया टुडे ने बिहार को अवार्ड दिया है। यह कोई सरकारी अवार्ड नहीं है बल्कि यह अवार्ड लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ द्वारा बिहार को दिया गया सम्मान है।

हमलोगों ने कन्या उत्थान योजना की शुरुआत कर लड़की पैदा होने पर उसके माता-पिता के खाते में जन्म के समय 2 हजार रूपये, एक साल बाद आधार से जुड़ने पर 1 हजार रूपये और 2 वर्ष बाद सम्पूर्ण टीकाकरण होने पर पुनः 2 हजार रुपये देने की व्यवस्था सुनिश्चित की है।

बेटी पैदा होने पर लोगों के मन में खुशी का भाव हो इसके लिये कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। इंटर पास करनेवाली प्रत्येक अविवाहित लड़की को 10 हजार और ग्रेजुएट करनेवाली हर लड़की को 25 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। इस तरह जन्म से स्नातक पास करने तक एक लड़की पर राज्य सरकार 54 हजार 100 रुपये खर्च करेगी।

उन्होंने कहा कि हमारी चाहत है कि बाल-विवाह और दहेज प्रथा पर पूरी तरह से रोक लगे। उन्होंने कहा कि पहले चंद सम्पन्न घरानों तक ही दहेज प्रथा सीमित थी लेकिन अब वह गरीब तबकों तक पहुंच गयी है। बाल विवाह के कारण कम उम्र में गर्भधारण करने से महिलाएं मौत की शिकार हो जाती हैं और उनसे जो बच्चें पैदा होते हैं वे मन्दबुद्धि, बौनेपन एवं अन्य कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जातें हैं जिनसे हमें छुटकारा पाना है।

छात्राओं से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग समाज में टकराव और कटुता का माहौल पैदा करने में लगे हैं उससे बचना चाहिए। हमलोगों ने प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक से लेकर हर स्तर की शिक्षा में सुधार लाने का हरसंभव प्रयास किया। हमने देखा कि आर्थिक अभाव के कारण इंटर के बाद बिहार के बच्चे आगे की पढ़ाई नही कर पा रहे थे जिसको देखते हुए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई है।

अब उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से 4 लाख रुपये का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड 4 प्रतिशत के साधारण ब्याज दर पर दिया जा रहा है। इसमें लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों को 1 प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण देने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार का ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो 13.9 है जबकि राष्ट्रीय औसत 24 है। हमारी चाहत है बिहार का ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो राष्ट्रीय औसत से भी आगे बढ़कर 30 प्रतिशत हो।

बापू के बताए सात सामाजिक पापों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, मानवता के बिना विज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार और त्याग के बिना पूजा को गांधी जी ने 7 सामाजिक पाप कहे थे। इसे सभी विद्यालयों में लिखवा रहें है अगर 10 प्रतिशत युवा पीढ़ी पर भी इसका असर हो जाएगा तो समाज और देश बदल जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 निश्चय योजना के माध्यम से हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली-नाली, हर घर शौचालय सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं और अब तक इन 7 निश्चयों में से दो निश्चय राज्य सरकार की सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण तथा हर घर बिजली का कनेक्शन देने का काम पूरा हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हमारे लिए चुनौती है। पहले बिहार में 1200-1500 मिलीमीटर रेन्फॉल हुआ करता था जो अब घटकर 800 मिलीमीटर से भी कम हो गया है। उन्होंने कहा कि जब हमने काम सम्भाला था तो बिहार में 9 प्रतिशत ग्रीन कवर था जिसको बढाने के लिए हमलोगों ने हरियाली मिशन की शुरुआत कर 22 करोड़ पेड़ लगवाए। इससे बिहार का ग्रीन कवर बढ़कर 15 प्रतिशत पर पहुँच गया है जिसे बढ़ाकर अब 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

गाँधी जी ने कहा कि यह धरती इन्सानों की हर जरूरतों को पूरा कर सकती है लालच को नहीं। उन्होंने कहा कि अब बिहार के हर घर तक बिजली पहुँचा दी गयी है। पहले रात में घर के बाहर अन्धेरा होने के कारण घर से बाहर निकलने से रोकने के लिए परिजन अपने बच्चों को भूत का भय दिखाते थें क्योकि लोग लालटेन और ढिबरी का इस्तेमाल प्रकाश के लिए करते थे। अब बिजली पहुंचने से भूत भी भाग गया और लालटेन भी खत्म हो गया।

उन्होंने कहा कि इस विद्यालय को अगर किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो तो शिक्षा विभाग हर संभव मदद करने के लिए तैयार है ताकि यह विद्यालय और आगे बढ़े तथा इस विद्यालय की छात्राएं सफलता की हर ऊँचाइयों को प्राप्त कर सके। 119वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर हमारी पूरी शुभकामनाएं हैं ताकि विद्यालय और इसमें पढ़नेवाले बच्चे तरक्की के पथ पर निरंतर आगे बढ़ें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विद्यालय द्वारा प्रकाषित संकल्प पत्रिका का विमोचन भी किया।

समारोह को पथ निर्माण मंत्री श्री नंद किशोर यादव, पटना नगर निगम की महापौर श्रीमती सीता साहु, नारायणी कन्या उच्च विद्यालय की प्राचार्य कुमारी माया ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर0के0 महाजन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, बिहार राज्य शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्री संजय कुमार सिंह, नारायणी कन्या उच्च विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री रामनाथ प्रसाद पटवा, बिहार चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष श्री ओ0पी0 शाह, सहित अन्य गणमान्य लोग, नारायणी कन्या उच्च विद्यालय के शिक्षकगण एवं छात्राएं उपस्थित थीं।

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