श्रम एवं रोजगार मंत्रालय : डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र योजना

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय  : डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र योजना
नई दिल्ली  – डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र योजना के अंतर्गत सुविधा पेंशनभोगी को जीवन प्रमाण-पोर्टल के माध्‍यम से जीवन प्रमाण-पत्र देने का विकल्‍प प्रदान करती है। आधार नंबर का उपयोग पेशन भोगियों के अधिप्रमाण के लिए किया जाता है जिससे पेंशनभोगी को जीवित होने के प्रमाण के रूप में पेंशन संवितरण एजेंसी के समक्ष स्‍वयं उपस्‍थित होने अथवा कोई अन्‍य दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने की आवश्‍यकता नहीं होती।

सार्वभौमिक खाता संख्‍या (यूएएन) कर्मचारी भविष्‍य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत कवर किए गए कर्मचारियों को पोर्टेबिलिटी प्रदान करती है। कर्मचारी भविष्‍य निधि सदस्‍यों को विभिन्‍न नियोक्‍ताओं के साथ अपने सभी रोजगारों के लिए एक संख्‍या प्रदान की जाती है, क्‍योंकि यूएएन प्रारंभ करने से पूर्व जब कोई सदस्‍य अपना रोजगार बदलता था तब उसे अपने भविष्‍य निधि संचयों को अंतरित कराना पड़ता था।

यूएएन प्रारंभ होने के साथ ही सदस्‍यों को अपने वर्तमान नियोक्‍ता को अपने पिछले भविष्‍य निधि खातों को अपने वर्तमान भविष्‍य निधि सदस्‍यता से संबद्ध करने के लिए अपना यूएएन देना होता है। इस समय 22.50 लाख व्‍यक्‍तियों ने अपना यूएएन सक्रिय करवा लिया है।

यह जानकारी आज लोकसभा में श्रम और रोजगार राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्‍तात्रेय ने एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर दी।

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