श्रद्धांजलि——- राजा राम मोहन रॉय- आधुनिक भारत के युग प्रवर्तक

श्रद्धांजलि——-   राजा राम मोहन रॉय- आधुनिक भारत के युग प्रवर्तक

राजा राममोहन राय (बांग्ला) (22 मई 1772 – 27 सितंबर 1833) को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक ।

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1803-1814 तक ईस्ट इंडिया कम्पनी में कार्यरत ।

कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष- दो लड़ाई – एक अंग्रेजों से दूसरी –अपने ही देश के नागरिकों से ।

धर्म प्रचार के क्षेत्र में अलेक्जेंडर डफ्फ का पूर्ण सहयोग।

द्वारका नाथ टैगोर उनके सबसे प्रमुख अनुयायी थे।

आधुनिक भारत के निर्माता, सबसे बड़ी सामाजिक – धार्मिक सुधार आंदोलनों के संस्थापक, ब्रह्म समाज, राजा राम मोहन राय सती प्रणाली जैसी सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अंग्रेजी, आधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी और विज्ञान के अध्ययन को लोकप्रिय भारतीय समाज में विभिन्न बदलाव की वकालत की।

पत्रकारिता—-

राजा राममोहन राय ने ‘ब्रह्ममैनिकल मैग्ज़ीन’, ‘संवाद कौमुदी’, मिरात-उल-अखबार, बंगदूत जैसे स्तरीय पत्रों का संपादन-प्रकाशन किया। बंगदूत एक अनोखा पत्र था।

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