- March 23, 2021
शिवराज सरकार-भरोसा बरकरार सहृदय मुख्यमंत्री की आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है सामाजिक न्याय विभाग — प्रेमसिंह पटेल
(लेखक पशुपालन एवं डेयरी विकास, सामजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री हैं)
भोपाल : — मध्यप्रदेश के लोग सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें श्री शिवराज सिंह चौहान जैसा सहृदय मुख्यमंत्री मिला। श्री चौहान ने पहली बार मुख्यमंत्री बनते ही लाड़ली लक्ष्मी योजना और मुख्यमंत्री कन्यादान योजनाएँ लागू की। दोनों ही योजनाओं ने लड़कियों को बोझ समझने की सदियों पुरानी मानसिकता को न केवल खत्म किया बल्कि आज देश के अन्य राज्य भी इन योजनाओं का अनुसरण कर रहे हैं। प्रदेश में मातृशक्ति को बल मिलने के साथ वृद्ध, निराश्रित, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर आदि सहित समाज के निर्धन एवं जरूरतमंद लोगों का ख्याल सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के माध्यम से सरकार रख रही है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में प्राप्त लंबित शिकायतों के निराकरण के संदर्भ में जारी मासिक रैंकिंग में वर्ष 2020-21 में विभाग लगातार टॉप-5 विभागों में शामिल रहा है।
शासन द्वारा वृद्ध, दिव्यांग, परित्यक्ताओं, अविवाहिताओं और कल्याणियों को 600 रूपये प्रतिमाह की दर से पेंशन दी जा रही है। वर्ष 2020-21 में अब तक 49 लाख 53 हजार हितग्राहियों को 3 हजार 457 करोड़ 88 लाख रूपये की पेंशन राशि वितरित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में सामूहिक विवाह किये जाने पर प्रति कन्या 51 हजार रूपये की राशि प्रदाय की जा रही है। योजना में 22 हजार 408 हितग्राहियों को 114 करोड़ 28 लाख रूपये की राशि का वितरण किया गया है।
मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना का लाभ ऐसी कल्याणी (विधवा) महिला को मिलता है, जो आयकर दाता न हो। हितग्राही को केवल एक बार 2 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना में 700 हितग्राहियों को 14 करोड़ की राशि वितरित की गई।
नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना में न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांगता वाले दिव्यांगजन जो आयकर दाता न हों, के विवाह के उपरांत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। दम्पत्ति में से किसी एक के दिव्यांग होने पर 2 लाख या दम्पत्ति में दोनों के दिव्यांग होने पर एक लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस वर्ष 765 हितग्राहियों को 13 करोड़ 4 लाख रूपये की राशि दी गई।
राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को एकमुश्त 20 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। वर्ष 2020-21 में 19 हजार 646 हितग्राहियों को 39 करोड़ 29 लाख रूपये की सहायता राशि दी गई।
देश और प्रदेश में एकाकी वरिष्ठजनों की संख्या को देखते हुए भोपाल में पत्रकार कॉलोनी के पास प्रदेश का पहला ‘पेड ओल्डऐज होम’ का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
विशेष उपलब्धियाँ
मध्यप्रदेश 5 लाख 80 हजार दिव्यांगजनों को यूनिक डिसएबिलिटी आई.डी. (UDID) कार्ड जनरेट करने में देश में सितंबर 2020 से दूसरे स्थान पर है।
देश के इतिहास में पहली बार 8 जनवरी 2021 को मध्यप्रदेश के भोपाल जिले में 2 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र जारी किया। अब तक 59 ट्रांसजेंडर को पहचान प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र जारी किये जा चुके हैं। कार्य प्रगति पर है।
मध्यप्रदेश के रतलाम जिले ने नशामुक्ति अभियान में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। रतलाम जिले ने अभियान को जन आंदोलन का रूप देते हुए 27 जनवरी 2021 को 52 हजार 190 व्यक्तियों को ऑनलाइन नशामुक्त भारत की शपथ दिलाई।
भारत सरकार की सुगम्य फोटो डाइजेस्ट बुक में प्रदेश के टीकमगढ़ जिले का संवेदना पार्क दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र और उज्जैन जिले के दिव्यांग पुनर्वास भवन को शामिल किया गया है।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान दृष्टि बाधित दिव्यांगजनों को कोरोना से बचने के उपायों की जानकारी ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराई गई।
कोविड-19 के विरूद्ध टीकाकरण में वृद्धाश्रम में रहने वाले 250 वरिष्ठजन, पेंशनर्स और दिव्यांगजनों का टीकाकरण किया गया। टीकाकरण अभी जारी है।