- December 23, 2014
शिक्षा संवाद कार्यक्रम : – शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर – शिक्षा के क्षेत्र में समस्त अधिकारी व जनप्रतिनिधिगण मिलकर कार्य करें व समाज को नई दिशा प्रदान करें। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हमारा प्रमुख लक्ष्य है व सभी अधिकारी अपने क्षेत्रों में दौरे कर कार्य को तेजी से निपटाएं।
यह बात सोमवार शिक्षा संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कही।
उन्होंने कहा कि भविष्य में सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। श्री देवनानी ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विद्यार्थीगणों द्वारा चयनित वर्ग के हिसाब से विद्यालय क्रमोन्नत किये जायेंगे। विज्ञान वर्ग की पढ़ाई के लिए प्रयोगशाला व पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ ही विद्यार्थियों को सुविधाएं दी जाएगी।
शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्थाओं को शीघ्र सुधारा जायेगा ताकि भविष्य में अधिक से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में प्रवेश ले सके। योग्य व संस्कारवान देशभक्त बच्चे प्राइवेट स्कूलों में ही नहीं अपितु सरकारी विद्यालयों से भी निकलने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को ऐसे आदर्श विद्यालयों की आवश्यकता है जो हर पंचायत मुख्यालय पर हो।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिमाह 500 रुपये शौचालयों की सफाई पर खर्च कर रही है। प्रत्येक विद्यालय के शिक्षक व हैडमास्टर विद्यालय में सफाई व्यवस्था पर स्वयं ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव में विद्यालयों में मार्च 2015 तक बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग नवनिर्मित शौचालय बनाये जायें। सभी विद्यालयों के हैडमास्टर विद्यालय की व्यवस्थाओं को स्वयं देखे व जनप्रतिनिधियोंं को समय पर सूचित करें। सभी हैडमास्टर अपने क्षेत्र में अभिभावकों से संवाद स्थापित करें व अपने विद्यालय के पंाच-दस योग्य बालकों को सभी सुविधाएं प्रदान करें ताकि दसवीं एवं बारहवीं के बोर्ड परिणामों में सरकारी स्कूलों के बच्चे भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें।
उन्होंने कहा कि प्राईवेट स्कूलों की फीस निर्धारण का मुद्दा भी शीघ्र निस्तारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि रमसा के अन्तर्गत चल रहे सभी कार्यो को 31 मार्च 2015 तक शीघ्र पूरा किया जाये।
संस्था प्रधानों का सम्मान :
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम एवं द्वितीय उदयपुर द्वारा संस्था प्रधान सम्मान समारोह एसआईईआरटी के सभागार में आयोजित किया गया। समारोह में शिक्षा राज्य मंत्री श्री देवनानी ने जिला स्तर पर श्रेष्ठ परिणाम देने वाले सभी प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया।
श्री देवनानी ने ली एसआईईआरटी अधिकारियों की बैठक :
शिक्षा राज्य मंत्री श्री देवनानी ने बैठक में एसआईईआरटी अधिकारियों से उनकी कार्यप्रणाली पर चर्चा कीं। विभागीय अधिकारियों ने अपने द्वारा किये जा रहे कार्यों से उन्हे अवगत करवाया। श्री देवनानी ने डाइट द्वारा पूरे सालभर किये गये कार्यों का मूल्यांकन करने के निर्देश दिये। उन्होंने वर्ष पर्यन्त डाइट द्वारा किये गये शोधों की जानकारी ली एवं उनके समुचित सदुपयोग के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एसआईईआरटी को चलाने का शिक्षा तंत्र को समुचित लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के पाठ्यक्रम में सुधार की आवश्यकता है, हमारा पाठ्यक्रम भारतीयता एवं संस्कृति के आधार पर होना चाहिए ताकि हमारे प्रदेश के बच्चे देश के महापुरूषों व गणितज्ञों से परिचित हों । एक से आठवीं तक का पाठ्यक्रम अगले वर्ष के लिए शीघ्र निर्धारित हो व राजस्थान की संस्कृति को ध्यान में रखकर बनाया जाये। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम निर्माण समितियों की समीक्षा अति आवश्यक है। मूल शिक्षा को यथावत रखते हुए शिक्षा के स्तर को ठीक किये जाने की $जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जुलाई 2015 से नये पाठ्यक्रम वाली पुस्तकें बच्चों को उपलब्ध कराई जायेंं उन्होंने पाठ्यक्रम में वैदिक गणित एवं राजस्थान के वीर-वीरांगनाओं को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही ताकि प्रतिभावान बच्चों की संख्या में वृद्घि हो एवं बच्चे अपनी भारतीय संस्कृति से परिचित हो।
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