• March 18, 2021

शराब माफिया के खिलाफ जांच में कोताही क्यों ? SSP 8 अप्रैल को कोर्ट में

शराब माफिया के खिलाफ जांच में कोताही क्यों ? SSP 8 अप्रैल को कोर्ट में

पटना——- हाईकोर्ट ने शराब माफिया के खिलाफ जांच में कोताही बरतने पर मुजफ्फरपुर के वरीय आरक्षी अधीक्षक को तलब किया है। उन्हें 8 अप्रैल को कोर्ट में उपस्थित होकर बताना होगा कि शराब माफिया के खिलाफ जांच में कोताही क्यों बरती गई जिसके कारण समय पर अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया और उसे दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत जमानत पर रिहा करना पड़ा।

हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी भी की कि लगता है कि माफिया और पुलिस के बीच सांठ-गांठ के कारण ही शराबबंदी कानून का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है।

न्यायमूर्ति बीरेन्द्र कुमार की एकल पीठ ने शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े एक अभियुक्त जीतेन्द्र राय उर्फ जीतेन्द्र यादव की जमानत अर्जी पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अभियुक्त के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को जमानत मिल चुकी है इसलिए वे जमानत अर्जी को वापस लेना चाहते हैं | इस पर कोर्ट ने पूछा कि किस कारण से जमानत अर्जी को वापस लिया जा रहा है? जवाब में वकील ने कहा कि पुलिस ने निर्धारित समय सीमा के भीतर आरोपपत्र दाखिल नहीं किया जिसके कारण अभियुक्त को भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 का लाभ मिला और उसे जमानत मिल गई।

हाईकोर्ट ने कहा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? लगता है कि माफिया और पुलिस के बीच सांठ-गांठ के कारण ही बिहार में शराबबंदी कानून का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है। कोर्ट ने वरीय आरक्षी अधीक्षक को अगली तारीख पर उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 8 अप्रैल को फिर होगी।

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