- August 1, 2018
विश्व स्तनपान सप्ताह : मां का दूध बच्चे के लिए अनमोल आहार : बबीता
बहादुरगढ़ ——–महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बुधवार से विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ जागरूकता कार्यशाला के साथ हुआ।
ब्रेस्ट फीडिंग-फाऊंडेशन ऑफ लाइफ विषय के तहत झज्जर जिले के सभी खंडों में उपायुक्त सोनल गोयल के मार्गदर्शन में जागरूकता कार्यशाला व अन्य जन जागरूकता मुहिम के तहत स्तनपान सप्ताह के उद्देश्यों की सार्थकता सिद्ध की जा रही है। इसी कड़ी में बहादुरगढ़ शहरी परियोजना में लगी जागरूकता कार्यशाला में सीडीपीओ बबीता मनचंदा ने जागरूकता संवाद के साथ कार्यशाला का विधिवत रूप से शुभारंभ किया।
विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से
डा.वाई.के.शर्मा, डा.जयमाला व डा.जैन बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित हुई। विश्व स्तनपान सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हुए सीडीपीओ बबीता ने कहा कि विश्व स्तनपान सप्ताह, विश्वभर के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और स्तनपान कराने को प्रोत्साहित हेतु हर वर्ष अगस्त माह के पहले सप्ताह (एक अगस्त से सात अगस्त) में मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह वर्ष 2018 का विषय ब्रेस्ट फीडिंग-फाऊंडेशन ऑफ लाइफ रखा गया है जिसके तहत आमजन विशेषकर महिलाओं को इसकी विभाग के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त सोनल गोयल की सामाजिक जागरूकता मुहिम में इस विषय को भी शामिल करते हुए लोगों को बच्चों के लिए स्तनपान के लाभ से जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए अनमोल उपहार है। नवजात शिशु और बच्चे को पर्याप्त सुरक्षा, स्नेह तथा पोषण की आवश्यकता होती है। स्तनपान उन सभी को पूरा करता है। मां का दूध बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए पोषण का सबसे अच्छा स्रोत होता है तथा मां के दूध का कोई अन्य विकल्प नहीं है।
उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जागरूक किया कि वे महिलाओं को घर-घर जाकर बताएं कि स्तनपान एक तकनीक है, जिसे हर मां को स्तनपान सीखना चाहिए जैसे कि स्तनपान कैसे कराएं? और स्तनपान कब कराएं? शिशु को कितनी बार स्तनपान कराएं? तथा स्तनपान से संबंधित अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी दें।
शिशु मृत्यु दर को घटाता है स्तनपान :
डा.वाई.के.शर्मा ने कार्यशाला में बताया कि मां का पीला व गाढा कोलोस्ट्रम वाला दूध नवजात शिशु के लिए एकदम सटीक आहार है। स्तनपान जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर शुरू किया जाना चाहिए। बच्चे को लगातार स्तनपान के साथ छह महीने की अवस्था तक स्तनपान कराएं। उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर को घटाने में स्तनपाल का अहम रोल है।
उन्होंने बताया कि मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते हैं और मां का दूध पचाने में त्वरित और आसान होता है। साथ ही मां का दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जो कि भविष्य में उसे कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित करता है।
कार्यक्रम में डा.जयमाला ने भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्तनपान के महत्व से अधिक से अधिक महिलाओं को जागरूक करने की अपील की।
सीडीपीओ बबीता ने विश्व स्तनपान सप्ताह के मद्देनजर आयोजित गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि 2 अगस्त को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आशा वर्कर को टीकाकरण की जानकारी दी जाएगी और रक्त की कमी वाली माताओं की पहचान करेंगी।
3 अगस्त को नवजात बच्चों को दिए जाने वाले आहार के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि आमजन तक बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विभाग की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज से 7 अगस्त तक रोजाना इस प्रकार के आयोजन नवजात बच्चों को नया जीवन देने के लिए प्रेरणादायक बनेंगे।
इस मौके पर आंगनवाड़ी सुपरवाइजर बालेश, सुमित्रा, मनीषा व सीमा सहित शहरी क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रही।