- June 9, 2019
विश्व पर्यावरण दिवस—हम सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता है:- मुख्यमंत्री
पटना—–:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित पर्यावरण दिवस समारोह 2019 का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण एवं वायु प्रदूषण के संदर्भ में सफाई कर्मियों द्वारा निकाली गयी जागरूकता रैली एवं सफाई में लगने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री ने रवाना किया।
पर्यावरण दिवस समारोह में मुख्यमंत्री को पौधा भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। ठोस अवशिष्ट प्रबंधन एवं पर्यावरण संरक्षण पर आधारित वृत्तचित्र मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन द्वारा संपोषित फारेस्ट फॉर वाटर एंड प्रोस्पेरिटी (फारेस्ट प्लस 2.0) का शुभारंभ किया। पर्यावरण दिवस समारोह में वन्य प्राणी सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, वायु प्रदूषण एवं स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।
विशेषज्ञों द्वारा बिहार के विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति, उसके कारण एवं नियंत्रण के अलावा एयर क्वालिटी इन इंडिया एंड चाइना पर तुलनात्मक प्रस्तुतीकरण भी दिया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस है और आज ही के दिन ईद के साथ-साथ सम्पूर्ण क्रांति दिवस भी है। इस अवसर पर मैं आप सबको शुभकामनायें देता हूँ।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमलोगो की चिंता रही है लेकिन स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बापू ने काफी पहले ही चिंता प्रकट की थी।
बापू हमेशा कहा करते थे कि यह पृथ्वी हमारी जरूरतों को पूरा कर सकती है, लालच को नहीं। लोहिया जी ने स्वच्छता और शौचालय निर्माण पर 50 के दशक में ही काफी जोर दिया था। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए हम सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
डीजल में किरासन तेल मिला देने से प्रदूषण का संकट और ज्यादा बढ़ जाता है। किरासन तेल की उपलब्धता धीरे-धीरे कम की जा रही है क्यांेकि अब खाना बनाने या बत्ती जलाने में इसकी आवश्यकता न के बराबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सांकेतिक रूप से लोगों को पुरस्कृत किया गया है, यह अच्छी बात है। इसी प्रकार निरंतर अभियान चलाया जाता रहा तो बिहार के हर एक नागरिक को सम्मानित करना पड़ेगा। इस अभियान में सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को भी जोड़ें।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए हमलोग हरसंभव कोशिश में जुटे हैं, साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जो कचरा संग्रहित हो रहा है, उसका 80 प्रतिशत किसी न किसी काम में उपयोग किया जा रहा है।
कचरे से निकलने वाली प्लास्टिक को सड़कों के निर्माण में उपयोग में लाया जा रहा है। गंदे पानी की सफाई कर इसे सिंचाई के काम में लाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में बहुत ज्यादा पर्यावरण को संकट में डालने वाली आदत नहीं है। बिहार में सामान्यतः 15 जून को जबकि 1 जून को केरल में माॅनसून आ जाता था। जब हम पढ़ते थे, उस समय बिहार में औसतन 1200-1500 एम0एम0 वर्षापात हुआ करती थी,जो अब घटकर पिछले साल 771 एम0एम0 पर पहुँच गयी है।
उन्होंने कहा कि विगत 13 वर्षों में मात्र दो साल ही करीब 1000 एम0एम0 रेनफॉल हुआ है। जेठ में पुरवैया हवा के चलने का मतलब है कि सावन और भादो में धूल उड़ेगा,जो अभी स्थिति बनी हुई है। वर्षापात कम होने से जलस्तर नीचे जा रहा है।
वायु प्रदूषण पर नियंत्रण मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग जैविक खेती को बढ़ावा देने में लगे हैं और गंगा किनारे 12 जिलों में जैविक सब्जी पर अनुदान देने की स्कीम शुरू की गयी है।
उन्होंने कहा कि आज कल धीरे-धीरे पूरे बिहार में फसलों के अवशेष को खेतों में ही जलाने का प्रचलन बढ़ रहा है, जो अफसोसजनक और चिंता का विषय है। इससे वायु प्रदूषित होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जिलाधिकारियों से भी कहेंगे कि इस प्रकार के जो लोग किसानों को सुझाव दे रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर उन पर कारवाई करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में हमें चीन जाने का मौका मिला और वहाॅ सात दिनों तक हमें चार से पांच शहरों में रुकने का अवसर मिला लेकिन एक जगह छोड़कर कहीं चिड़ियाॅ नहीं दिखी।
अगर बड़ी तेजी से इसी प्रकार विकास की जल्दबाजी रहेगी तो अनेक प्रकार के संकटों से जूझना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें काम करने का मौका मिला उस समय बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत था। हरियाली मिशन के तहत मिशन मोड में काम करते हुए करीब 23 करोड़ पौधे लगाये गये, जिसका परिणाम हुआ कि वर्ष 2015 तक बिहार का ग्रीन कवर 15 प्रतिशत पर पहुँच गया। आबादी को देखते हुए हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 17 प्रतिशत तक ले जाना है।
उन्होंने कहा कि हमें जापान जाने का भी मौका मिला जहाँ हम कई शहरों में गये लेकिन कहीं कोई गंदगी नहीं दिखी। हमने वहां देखा कि बहुत आस-पास पेड़ लगाने से प्रतिस्पद्र्धा के कारण पेड़ों की लम्बाई जितनी 100 साल में होनी चाहिए, वह 10 साल में ही हो गयी।
वन संरक्षक एवं अपने विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में जो खाली जगह हैं, वहां जापान की तरह पेड़ों को लगाकर एक्सपेरिमेंट कर लें ताकि अनुभव के आधार पर उसे अन्य जगहों पर प्रयोग में लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएनजी या बैटरी चलित वाहनों को उपयोग में लाये जाने से वायु प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा। उन्होंने कहा कि छठ पूजा में जिस प्रकार चार दिनों तक लोग अपने घर एवं आस-पास साफ-सफाई रखते हैं, अगर उसी प्रकार की भावना लोगों में आ जाए तो इससे काफी परिवर्तन आएगा।
उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि जो प्रयास हमलोगों ने शुरू किया है, वह आपसी सहयोग से इतना प्रभावी होगा कि उसके अच्छे परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे। इससे न सिर्फ पर्यावरण संतुलित रहेगा बल्कि अनेक प्रकार के संकटों से भी हमें मुक्ति मिलेगी।
समारोह को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य वन संरक्षक श्री देवेन्द्र कुमार शुक्ल, बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष प्रो0 अशोक कुमार घोष, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि, एन0सी0सी0 कैडेट्स सहित पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अलावा नगर विकास एवं आवास विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर योजना विकास मंत्री श्री महेश्वर हजारी, उद्योग मंत्री श्री श्याम रजक, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चैधरी, सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री श्री नीरज कुमार, जदयू प्रवक्ता श्री अजय आलोक, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित जदयू के अन्य नेतागण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।