- January 21, 2021
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान—-सीसीटिव मे दो माह के बच्चे को फेंकती परिचारिका
आरा–(पटना)– अमानवीय चेहरा कहें या सिस्टम में जंग, जहां जिंदगी की आस थी, वहां बच्चों को मौत मिली। यदि बाल कल्याण समिति, बक्सर की रिपोर्ट पर ही अमल कर लिया होता तो शायद वे बच्चे जीवित होते। महज 37 दिनों के अंतराल में एक-एक कर दो बच्चों की मौत नहीं हुई होती।
कुपोषण के शिकार
आरा स्थित शाहाबाद जनपद के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का एक भयावह सच सामने आया। यहां भोजपुर के अलावा बक्सर, रोहतास और कैमूर के परित्यक्त बच्चों को संरक्षण दिया जाता है।
14 जनवरी को बच्चे की मौत हो गई। यहां के कर्मियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा, मामला रफा-दफा। सदर अस्पताल के डॉक्टर और जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक विनोद कुमार ठाकुर ने मौत का कारण ठंड बताते हुए कहा कि रिपोर्ट भेज दी है।
जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने सहायक निदेशक से रिपोर्ट मांगी है।
समिति के अध्यक्ष मदन सिंह ने आठ जनवरी को निरीक्षण के बाद जो रिपोर्ट भेजी, वह कुव्यवस्था की ओर स्पष्ट इशारा है। इसमें साफ लिखा है कि संस्थान में प्रवेश करते ही बच्चों के बिस्तर से मूत्र की गंध बता रही थी कि यहां साफ-सफाई की क्या स्थिति है।
सीसीटीवी फुटेज से पता चल रहा है कि इन मासूमों को समय पर भोजन तक नहीं दिया जा रहा। बच्चे भूख से बिलखते नजर आए।
29 दिसंबर को सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि संस्थान में कार्यरत कर्मी बच्चों को मार रही है। दो माह से कम उम्र के अबोध को एक हाथ से उठाकर फेंकती दिख रही है। एक कटोरी में आहार लेकर उसी से कई बच्चों को भोजन दे रही है। बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। संस्थान के समन्वयक धर्मेंद्र कुमार के जिम्मे बच्चों के पोषाहार, दवा आदि की जिम्मेवारी है। इसमें भी घोर लापरवाही पाई गई है।