- August 14, 2015
विन्ध्य क्षेत्र ग्रीन बेल्ट योजना : 100 ग्राम में वर्ष 2020 तक पौधों का रोपण
विन्ध्य क्षेत्र ग्रीन बेल्ट योजना में रीवा जिले के 100 ग्राम में वर्ष 2020 तक करीब एक करोड़ 64 लाख पौधों का रोपण किया जायेगा। रोपण की कुल अनुमानित लागत 66 करोड़ होगी। वन विस्तार की इस महत्वाकांक्षी योजना में अब तक 1680 हेक्टेयर क्षेत्र में 37 लाख 25 हजार पौधे लगाये जा चुके हैं। इस पर लगभग 11 करोड़ से
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ज्यादा खर्च किये गये है। वर्ष 2015 में 405 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 7 लाख 38 हजार पौधे रोपे गये हैं। वन विस्तार की वर्ष 2020 तक की इस दस वर्षीय योजना में 7,300 हेक्टेयर क्षेत्र में एक करोड़ 27 लाख पौधे रोपित किये जायेंगे। इनमें मुख्यतः व्यावसयिक वृक्ष के पौधे जैसे सागौन, बाँस, खम्हेर, आँवला, क्लोनल यूकेलिप्टस (नीलगिरि) तथा मिश्रित प्रजाति के पौधों का रोपण किया जायेगा।
जनसंपर्क, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा तथा खनिज साधन मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा जिले के चौतरफा विकास को प्राथमिकता में रखा है। इसी कड़ी में वनों के विकास के लिए वर्ष 2010 में इस योजना पर अमल करवाया गया। साथ ही ड्रीम प्रोजेक्ट मुकुन्दपुर व्हाइट टाइगर सफारी चाकघाट से इलाहाबाद और हनुमना से बनारस फोर-लेन सड़क का निर्माण, गुढ़ में विश्व की सबसे बड़ी 750 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना शामिल है।
उल्लेखनीय है कि श्री शुक्ल के प्रयास से वर्ष 2010 में शुरू की गई विन्ध्य क्षेत्र ग्रीन बेल्ट योजना से रीवा जिले में 9500 हेक्टेयर वन क्षेत्र का हस्तांतरण वन विकास निगम रीवा-सीधी परियोजना मण्डल को किया गया था। वन विकास निगम द्वारा विन्ध्य क्षेत्र ग्रीन बेल्ट योजना में रीवा जिले के विकास खण्ड मऊगंज, त्योंथर, हनुमना, नईगढ़ी एवं रायपुर कर्चुलियान के 100 ग्राम से लगे वन क्षेत्र में पौध रोपण योजना पर अमल किया जायेगा।
इससे स्थानीय ग्रामीणों को प्रतिवर्ष लगभग 60 हजार मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध होगा। योजना अवधि में लगभग 5 लाख 40 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा। वन-विहीन पहाड़ियों को वनाच्छादित कर पर्यावरण की स्थिति में सुधार तथा वन क्षेत्र के विस्तार से भू-जल स्तर में वृद्धि होगी। इससे क्षेत्र में निरंतर जल उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी।