वाल्मिकी समुदाय को घर बनाने के लिए भूमि

वाल्मिकी समुदाय को घर बनाने के लिए भूमि
हिमाचल प्रदेश  —————————   मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वाल्मिकी समुदाय के उन सभी परिवारों जो राज्य के ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्रों में मकान बनाने के इच्छुक हैं, को घर बनाने के लिए भूमि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री आज यहां वाल्मिकी कल्याण बोर्ड की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने वाल्मिकी काॅलोनियों के योजनाबद्ध निर्माण पर बल देते हुए कहा कि काॅलोनियों के बेतरतीब निर्माण को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार वाल्मिकी समुदाय जहां वे पहले ही रह रहे हैं, के स्थापन कर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने समुदाय की समस्याओं का तीन महीनों के भीतर समाधान करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। 2964
बैठक में, राज्य में पीढि़यों से रह रहे वाल्मिकी समुदाय के लोगों को बोनाफाईड प्रमाण पत्र प्रदान करने की प्रक्रिया पर विचार करने का निर्णय भी लिया गया है। मुख्यमंत्री ने पंचायतों को प्रदान किए जाने वाले महर्षि वाल्मिकी स्वच्छता पुरस्कार का नाम बदलकर कोई और नाम रखने के निर्देश दिए।
ऐसे वाल्मिकी परिवारों, जिनके पास राज्य में कोई भूमि नहीं है, को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र प्रदान करने की अधिसूचना में संशोधन करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री ने नाहन स्थित महर्षि वाल्मिकी मंदिर की मुरम्मत के लिए समुचित धनराशि प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने इंदौरा में कब्रिस्तान के लिये भूमि की संभावना का पता लगाने तथा धर्मशाला के योल में सेन्य अधिकारियों से इस समुदाय के लोगों के विभिन्न मुद्दों को उठाने के लिए कांगड़ा के उपायुक्त को निर्देश दिए।
बैठक में कहा गया कि वाल्मिकी समुदाय के बच्चों को बिना किसी भेदभाव के वाल्मिकी छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही है।
नाहन के मोहल्ला रविदास के वार्ड नम्बर 11 के बच्चों को प्राथमिक पाठशाला के निर्माण के लिए उपयुक्त सरकारी भूमि का पता लगाने का आश्वासन दिया गया।
मुख्यमंत्री ने समुदाय की शिकायतों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ (कर्नल) धनीराम शांडिल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मुख्य सचिव श्री पी. मित्रा सहित राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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