वार्षिक चक्र—– विकास दर 12.21%, प्रति व्यक्ति आय 72 हजार रुपये से ज्यादा रहने का अनुमान

वार्षिक चक्र—–  विकास दर 12.21%, प्रति  व्यक्ति आय 72 हजार रुपये से ज्यादा रहने का अनुमान

भोपाल : — मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ता प्रदेश है। पिछले आठ साल से मध्यप्रदेश की विकास दर दो अंकों में बनी हुयी है। इस बार विकास दर 12.21 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति आय 72 हजार से ज्यादा रहने का अनुमान है। मध्यप्रदेश अब देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। कृषि विकास दर पिछले पाँच साल में लगातार 20 प्रतिशत बनी हुयी है।

श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने क्रांतिकारियों की स्मृति में स्मारक बनाने का फैसला किया है। देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवानों की समृति में शौर्य स्मारक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सीमा पर शहीद हुए मुरैना के रहने वाले नायब सूबेदार श्री जगराम सिंह तोमर के परिवार को एक करोड़ रूपये की सम्मान राशि दी जायेगी। परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जायेगी। एक प्लाट या मकान भी दिया जायेगा।

श्री चौहान ने कहा कि भारत की नीति है कि किसी को नहीं छेड़ेंगे लेकिन जो छेड़ेगा उसे छोड़ेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशक्त भारत तेजी से बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री में निर्णय लेने की अदभुत क्षमता है। वे सृजनात्मक विचारों के धनी हैं। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में पूरे विश्व में भारत का मान-सम्मान बढ़ा है।

उनके सशक्त और संपन्न भारत की सोच को जमीन पर उतारने के लिये हर नागरिक को अपना योगदान देने आगे आना होगा। उन्होंने नागरिकों का आव्हान किया कि वे प्रदेश को गरीबी-मुक्त प्रदेश बनवाने में सहयोग करे।

समाज सेवा के लिये समय निकाले

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिये सभी के साझा प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने नागरिकों का आव्हान किया कि वे समाज कल्याण के किसी भी क्षेत्र में स्वेच्छा से काम करने के लिये माह में एक बार कम से कम दो घंटे का समय निकाले।

श्री चौहान ने जी. एस. टी. की चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को इससे मजबूती मिलेगी। जी.एस. टी. के संबंध में जितनी भी भ्रांतियां थी, दूर कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि चंबल क्षेत्र के विकास के लिये चंबल एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद मुक्त भारत बनाने का मंत्र दिया है।

मध्यप्रदेश में इसे अपनाते हुए कई उल्लेखनीय काम किये है। सिमी का नेटवर्क ध्वस्त कर दिया है। डकैतों का सफाया कर दिया गया है। हाल में सतना, रीवा क्षेत्र में डकैतों का सफाया करने के लिये मुख्यमंत्री ने आई. जी. श्री अंशुमान यादव श्री और एस. पी. श्री राजेंद्र हिंगणकर को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी गरीब बिना जमीन के नही रहेगा। प्रत्येक गरीब के पास रहने लायक जमीन होगी। वह जमीन का मालिक होगा। उन्होंने कहा कि 2022 तक हर गरीब के पास अपनी छत होगी। अगले साल तक शहरी क्षेत्रों में पाँच लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान कोष में वृद्धि की गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद को सहायता मिल सके।

तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये चरण पादुका

श्री चौहान ने कहा कि महुआ बीनने वाले आदिवासी संग्राहकों के हित के लिये समर्थन मूल्य पर महुए की खरीदी की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये चरण पादुका योजना शुरू की गयी है। इसमें उन्हें जूते पहनाये जाते है और पानी की कुप्पी दी जाती है। वन-ग्रामों में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लिये दीनदयाल वनांचल सेवा शुरू की गयी है। गरीबों के लिये सभी प्रकार की सुविधायें दी जा रही है।

राजस्व प्रकरणों के निराकरण का अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के तुरंत निराकरण के लिये अभियान चलाया गया है। तीन माह में सभी अविवादित नामांतरण बँटवारे और सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण हो जायेगा। यदि तीन महीने बाद कोई नागरिक लंबित प्रकरण की जानकारी लेकर आता है तो उसे एक लाख रूपये का नगद पुरस्कार दिया जायेगा।

पुरस्कार की राशि दोषी अधिकारी, कर्मचारी से वसूली जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्त्तव्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी बख्शे नहीं जायेंगे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी को अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने की जानकारी देते हुये कहा कि यदि लोक सेवक भ्रष्टाचार में संलग्न पाये जाते हैं तो उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की सख्त कार्रवाई की जायेगी।

स्वच्छ भारत बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प का हवाला देते हुए श्री चौहान ने कहा कि पूरे देश में स्वच्छता सर्वेक्षण में इन्दौर को प्रथम और भोपाल को दूसरा स्थान मिला है। सभी नगरीय निकाय खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। अब तक 11 जिले खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।

श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ता प्रदेश है। यहाँ चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध है। 40 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है और 2020 तक 60 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। हर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये अब “पर ड्राप मोर क्राप’’ का सिद्धांत अपनाते हुये सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं को अमल में लाया जा रहा है।

किसानों के बेटे-बेटियों के लिये कृषक उद्यमी योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और खेती राज्य सरकार की प्राथमिकता है। गिरदावरी मोबाइल एप्प से अब फसल उत्पादन का अनुमान लग जायेगा। उन्होंने कहा कि अब फसल की बिक्री को समर्थन मूल्य के अंतर की राशि को किसान के खाते में जमा करा दिया जायेगा। फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जायेगा। किसानों के बेटे-बेटियों के लिये कृषक उद्यमी योजना चलाई जा रही है। इसमें उन्हें ऋण और अनुदान में सहायता दी जायेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य क्षेत्रों में एक हजार से ज्यादा और अनुसूचित जाति एवं जनजाति बहुल क्षेत्रों में 500 से अधिक आबादी वाले गाँवों में नल से पीने का पानी उपलब्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में किये गये नवाचार की चर्चा करते हुये कहा कि स्कूलों में नागरिकों की भागीदारी से शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए शुरू किया गया “मिल-बाँचें मध्यप्रदेश” का दूसरा चरण 26 अगस्त को शुरू हो रहा है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्रों की इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी। केंद्रीय बोर्ड को भी इस योजना में शामिल करते हुए अंकों की सीमा 85 प्रतिशत रखी गई है।

पांच लाख युवाओं को नौकरियाँ देने एमओयू

महिला सशक्तिकरण की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि 25 लाख लाड़ली लक्ष्मी पंजीकृत हुई है। महिलाओं को स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है और सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।

पुलिस बल में महिलाओं की भर्ती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। महिलाओं की आर्थिक समृद्धि के लिये उनके स्व-सहायता समूहों को भी आगे बढ़ाया गया है।

श्री चौहान ने कहा कि कौशल विकास मिशन में सात लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने की योजना है। कौशल संपन्न पांच लाख युवाओं को नौकरियां देने के लिये विभिन्न संस्थाओं से एमओयू किया गया है। भोपाल में सिंगापुर के सहयोग से विश्व स्तरीय ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना की जा रही है। श्री चौहान ने कहा कि आनंद विभाग की स्थापना की गयी है। इसके अंतर्गत आनंदम केंद्र बनाये गये है।

उन्होंने राबिनहुड नाम से चलायी गयी उन युवाओं की पहल की भी सराहना की है, जिसके अंतर्गत शादी विवाह एवं पार्टियों में बचा हुआ खाना एकत्र कर जरूरतमंदों को उपलब्ध करवाया जा रहा हैं। मुख्यमंत्री ने समाज के सक्षम लोगों का आव्हान किया कि अपनी अर्जित आय का दो प्रतिशत भाग जरूरतमंद लोगों की मदद के लिये खर्च करें।

दीनदयाल वनांचल योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति-जन-जाति के कल्याण के लिये पाँच वर्ष का एकीकृत पैकेज तैयार किया जायेगा।

विकास और पर्यावरण में संतुलन जरूरी

पर्यावरण संरक्षण की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी के पुनर्जीवन के लिये नर्मदा सेवा यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विगत दो जुलाई को नर्मदा तटों पर छह करोड़ से ज्यादा पौधे लगाये गये। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन रखना होगा। उन्होंने नागरिकों का आव्हान किया कि वे कम से कम एक पौधा लगाये और उसकी रक्षा की जिम्मेदारी ले।

कर्मचारी कल्याण की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। अतिथि शिक्षकों की सेवा शर्तों में सुधार किया गया है। उन्होंने लोक सेवा से जुडे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे ईमानदारी से जनता की सेवा करें उनकी सुविधाओं का ख्याल सरकार रखेगी।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री निवास पर झंडा वंदन किया। इसके बाद वे शौर्य स्मारक गये। उन्होंने देश की रक्षा करते हुये शहीद हुए वीर जवानों का पुण्य स्मरण किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने राष्ट्रपति उत्कृष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा, मुख्यमंत्री विशिष्ट पुरस्कार से पुलिस अधिकारियों और जवानों को सम्मानित किया।

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