- November 28, 2014
वायु सेना केंद्र हलवाड़ा: भारतीय वायु सेना और रूसी संघ की वायु सेना का संयुक्त अभ्यास
पंजाब के मीडिया को एस के (सिद्धवानखास) रेंज में इस अभ्यास को देखने का अवसर मिला। ऐसे अभ्यास विशेष तौर पर रूस के साथ होने वाले अभ्यास महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि भारतीय वायुसेना के पास काफी रूसी उपकरण हैं। ऐसे अभ्यासों से दोनों देशों को वायुसेनाओं की रक्षा जरूरतों के मद्देनजर फायदा होता है। रूस का दल उनकी की गई मेजबानी और गर्मजोशी से की गई आवभगत से अभिभूत हुआ और दल के सदस्यों ने भांगड़ा नृत्य के कुछ कदमों को सीखने की कोशिश की।
भारतीय वायु सेना और रूसी संघ की वायु सेना के बीच संयुक्त वायु सेना अभ्यास दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सामरिक सैन्य भागीदारी को नए स्तर पर ले जाता है। अभ्यास के दौरान दोनों देशों के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और मिसाइलों ने मिलकर अपनी क्षमता प्रदर्शित की। इनमें वायु से जमीन पर गोलीबारी और हिमालय के ऊपर उड़ान शामिल थी। रूस के दल के कुछ सदस्यों को बंगलुरू ले जाया गया जहां उन्हें एलसीए तेजस और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव समेत स्वदेशी उत्पादन कार्यक्रमों से अवगत कराया गया।
अभ्यास को यादगार बनाने के लिए दोनों कमांडरों, एयर कोमोडोर पी के वोहरा, वी एम और मेजर जनरल एलेक्जेंडर एन लयापकिन ने हाथ से लिखी गई पत्थर की पट्टिका का अनावरण किया और इसके निकट पौधे लगाए। इससे दोनों देशों के बीच अनूठी भागीदारी की वृद्धि का पता चलता है जिसका वर्णन पट्टिका में दिया गया है।