- November 9, 2017
वसूली में कोताही बर्दास्त नहीं -प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता
जयपुर, 9 अक्टूबर। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री अभय कुमार ने गुरूवार को बताया कि सहकारी संस्थाओं की सम्पत्तियों एवं हितों की रक्षा करना सहकारी विभाग का कर्तव्य है। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। सहकारी संस्थाओं के गबन एवं अनियमितताओं के जिन प्रकरणों में वसूली का निर्णय हो चुका है, उनकी वसूली शीघ्र सुनिश्चित की जाए। यदि कोई अधिकारी ऎसी वसूली के प्रकरणों में उदासीनता बरतने का दोषी पाया जाएगा तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
श्री कुमार गुरूवार को शासन सचिवालय में महालेखापरीक्षक अंकेक्षण के लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के संबंध में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारिता के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऎसे प्रकरणों में शीघ्र वसूली किए जाने की आवश्यकता है। क्योंकि समय पर वसूली नहीं होने के कारण गबनकर्ता प्रोत्साहित होते हैं तथा दूसरी ओर सहकारी संस्थाओं की राशि अवरूद्ध हो जाती है, जिससे संस्था की वित्तीय स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिन प्रकरणों में सभी प्रयास करने के बावजूद भी वसूली नहीं हो पा रही है उनके मामलों में सहकारिता कानून के अनुसार अपलेखन की कार्यवाही के प्रस्ताव भिजवाएं।
खरीद के समय बैंक खाता संख्या का किया जाएगा मिलान
श्री कुमार ने समर्थन मूल्य पर चल रही दलहन एवं तिलहन की खरीद के कई मामलों में काश्तकारों को भुगतान नहीं होने को अन्यथा लिया और सभी जिला इकाई उप रजिस्ट्रार, खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि खरीद केन्द्रों पर काश्तकारों से उपज की खरीद के समय उनके बैंक खाता संख्या का सत्यापन किया जाए, जिससे किसान के बैंक खाते में किसी प्रकार की गलती होने से उसके भुगतान में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता किसान की उपज को निर्धारित दिवस को तुलवाकर दो दिवस में उसके खाते में उसका मूल्य का भुगतान करना है। इसके लिए विभाग निरन्तर प्रयासरत है।
उपज बेचने आए किसान की खिचेगी फोटो
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि किसानों से समर्थन मूल्य पर की जा रही खरीद में व्यापारी द्वारा अपना माल नहीं बेचा जा सके इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, परन्तु इसे और पुख्ता करने के लिए विक्रय करने आए किसान की पहचान को सुनिश्चित करने के लिए उसका फोटो भी खींचा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिन जिलों में खरीद प्रक्रिया चल रही है ऎसे जिलों के प्रबंध निदेशक एवं उप रजिस्ट्रार खरीद केन्द्र के प्रभारी से समन्वय स्थापित करें ताकि वेयर हाउस में माल को संभलवाने, किसानों को भुगतान या गुणवत्ता के संबंध में परेशानियों का तत्काल निवारण हो सके।