- January 22, 2015
वर्ष 2016 तक प्रदेश के 225 गांव होंगे आदर्श ग्राम
शिमला (हिमाचल प्रदेश) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल डाॅ. धनीराम शांडिल ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की केंद्रीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश जहां अनूसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 17 लाख 29 हजार 252 है और जो प्रदेश की कुल आबादी का 25.19 प्रतिशत है, के लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का विशेष महत्व है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हर वर्ष दो गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना मार्च 2011 में सिरमौर तथा सोलन जिला में पायलट आधार पर आरंभ की गई है, जिसके तहत सोलन जिला के 100 गांव तथा सिरमौर जिला के 125 गांव को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए चुना गया है।
डाॅ शांडिल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के 225 गांवो को विकसित करने के लिए 45.225 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है, जिसके तहत प्रति गांव 20 लाख रुपये की राशि भारत सरकार द्वारा दो लाख रुपये की राशि प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत चुने गये गांव को आदर्श ग्राम बनाने का 25 प्रतिशत कार्य दिसम्बर, 2014 तक पूर्ण कर लिया गया है और वर्ष 2016 तक सभी चयनित गावोें को आदर्श ग्राम बनाने का कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।