• October 13, 2018

वर्ल्ड यूनियन आफ हॉलसेल मार्केट (व्योम) –फल व सब्जी उत्पादन क्षमता को प्रमुख आधार

वर्ल्ड यूनियन आफ हॉलसेल मार्केट (व्योम) –फल व सब्जी उत्पादन क्षमता को प्रमुख आधार

बाजार एकीकरण के लिए ई-कामर्स व डिजिटलाईजेशन अहम है ।

संबंधित देशों के होलसेल मार्केट को सर्वमान्य लीगल फ्रेमवर्क को अपनाना होगा।

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चंडीगढ——- वर्ल्ड यूनियन आफ हॉलसेल मार्केट (व्योम) के आजादपुर, नई दिल्ली स्थित एशिया की सबसे बड़ी सब्जी एवं फल मंडी दौरे को भारत के फल एवं सब्जी विपणन क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ओर अग्रसर होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण एवं परिवर्तनकारी कदम माना जा रहा है। इस दिशा में वर्ल्ड यूनियन आफ हॉलसेल मार्केट (व्योम) द्वारा भारत की फल व सब्जी उत्पादन क्षमता को प्रमुख आधार के रूप में देखा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि व्योम का 32वां दो दिवसीय सम्मेलन दक्षिण एशिया में भारत में प्रथम बार आयोजित हो रहा है। गुरुग्राम में आयोजित हो रहे व्योम के सम्मेलन का प्रमुख आयोजक व व्योम सदस्य हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड है।

व्योम के सम्मेलन के आयोजन में राष्ट्रीय परिषद कृषि विपणन बोर्ड की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

भारत में कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने, विशेषकर किसानों की आय दोगुणी करने की दिशा में व्योम का सम्मेलन प्राथमिक कृषि उत्पादों के विपणन व भंडारण को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ओर विकसित करने तथा क्षय को न्यूनतम स्तर तक ला सकने में व्यापक स्तर पर नीतिगत परिवर्तनों के आधार की संभावनाएं तलाश करने में एक व्यवहारिक कदम है।

आजादपुर मंडी के दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने फल व सब्जियों की क्रय-विक्रम प्रणाली, लदान व ढुलाई प्रक्रियाओं का अवलोकन किया। एशिया की सबसे बड़ी फल व सब्जी मंडी की क्षमताओं से संबंधित जानकारी भी प्रतिनिधिमंडल को दी गई।

सेंट्रल मार्केट एंड फिशरीज आग्रेनाईजेशन (ग्रीस) के सीईओ आई ट्राईटेंफि लिश ने बताया कि इटली की रोम में 1922, जर्मनी में अस्सी के दशक और फ्रांस व स्पेन की होलसेल मार्केट ने बाजार की मांग के अनुसार अपने को बदलते हुए दुनिया में अग्रणी स्थान बनाया है। विशेषज्ञ एक बात पर सहमति जताते नजर आए कि बाजार एकीकरण के लिए ई-कामर्स व डिजिटलाईजेशन अहम है । साथ ही संबंधित देशों के होलसेल मार्केट को सर्वमान्य लीगल फ्रेमवर्क को अपनाना होगा।

आई ट्राईटेफि लिश ने कहा कि यूरोप की होलसेल मार्के ट ने उत्पाद की गुणवता और बाजार भाव को सफलता का आधार बनाते हुए घरेलू खपत के साथ-साथ निर्यात पर विशेष फोकस किया। यूरोपीय मार्के ट के सामने स त फूड सेफ्टी कानून, गुणवता प्रंबधन, फंडिंग जैसी समस्याएं भी आई, लेकिन बेहतर प्रबंधन और बाजार की मांग के अुनसार अपने प्रोडक्ट की गुणवता बरकरार रखते हुए अपना विस्तार किया।

स्पेन के रिर्काडो ओपेज, चीन की यू मेंगक्यू, फ्रांस से मार्क स्पीलेरियन सहित अमेरिकन व ग्रीस के वक्ताओं ने बाजार व फू ड होलसेल मार्केट के सामने आ रही नई-नई चुनौतियों के बारे में विस्तार से अपने-अपने देशों के अनुभव सांझा किए। डैन कारमोडी ने फुड होलसेल मार्केट के उत्थान में ई बाजार और डिजिटलाईजन के महत्व के बारे विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि ई-बाजार से उपभोक्ताओं को काफी फायदा मिला है।

फू ड टे्रडर्स व होल सेलर्स के लिए बाजार की मांग को समझना और आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि अलीबाबा व अमेजॉन जैसी ई-कामर्स कंपनियां बी टू सी यानि बिजनेस टू क नज्यूमर मॉडल को अपनाते हुए होलसेल मार्केट में नये आयाम स्थापित कर रही हैं। साथ ही

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में ई कामर्स और फू ड की गुणवता बढऩे से ईटिंग हैबिट भी बदल रही हैं। सब्जी समूह शंघाई के अध्यक्ष मेंगक्यू ने चीन की होल सेल मार्के ट के बारे में जानकारी सांझा की। विशेषज्ञों ने माना कि भारत एक बड़ी मार्केट है तथा यहां भी तेजी से नई तकनीक सृजित हो रही है, जिस कारण भारत दु़निया की मार्केट में अपने उत्पादों की गुणवता के दम पर अहम दस्तक दे रहा है।

दौरा करने वाले प्रतिनिधि मंडल में व्योम निदेशक मंडल के पदाधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न देशों के सदस्य प्रतिनिधि शामिल रहे।

व्योम प्रतिनिधिमंडल में भारत सहित विभिन्न 16 देशों जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, इटली,स्पेन,चीन, हंगरी, पुर्तगाल, मैक्सिको, ग्रीस, बेल्जियम, ब्राज़ील व पोलैंड के प्रतिनिधि शामिल रहे।

व्योम प्रतिनिधिमंडल में व्योम के अध्यक्ष झेंग्जूं मा व उपाध्यक्ष स्टेफेन लायानी भी शामिल रहे।

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