• June 20, 2018

लोगों के मन में आज यह भाव है कि हरियाणा में भ्रष्टाचार नहीं होता है– मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल

लोगों के मन में आज यह भाव है कि हरियाणा में भ्रष्टाचार नहीं होता है–  मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल

चंडीगढ़————– – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कड़े नियमों के साथ-साथ नेताओं,अधिकारियों और कर्मचारियों में यह भाव जागृत किया है कि भ्रष्टाचार लेना और देना गलत है जिसका परिणाम है कि आज हरियाणा की जनता सरकार पर भरोसा करती है और लोगों के मन में आज यह भाव है कि हरियाणा में भ्रष्टाचार नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि आगे भी भ्रष्टाचार पर कड़ी नजर रहेगी और जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

श्री मनोहर लाल आज यहां आयोजित प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों में प्रसिद्ध व्यक्तित्वों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने पिंजौर के नानकपुर में बने राजकीय पॉलिटेक्निक का उद्घाटन किया और पंचकूला के सेक्टर -14 में रोजगार भवन की आधारशीला रखी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने की नीति पर कार्य करते हुए ई गवर्नेंस को लागू किया जिससे भ्रष्टाचार को रोकने में बड़ी सफलता मिली। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सबसे पहले समझाएंगे, दिशा दिखाएंगे और अंत में दंडित करेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकना कठिन कार्य है, लेकिन नामुमकिन नहीं।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर जांच रखना मुश्किल था, लेकिन राज्य के प्रशासन के शासनकाल के बाद हमने सभी स्तरों से भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने का संकल्प किया और अपने मंत्रियों को प्रतिज्ञा दिलाई कि वे किसी भी भ्रष्ट प्रथाओं में शामिल नहीं होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पारदर्शी तरीके से मैरिट के आधार पर नौकरियां देना शुरू किया और नौकरियां देने में जो गलत धंधे चलते थे, उन्हें भी बंद किया गया। इसलिए ग्रुप सी और डी पदों में इंटरव्यू सिस्टम को भी खत्म किया।

उन्होंने कहा कि पहले रिक्तियों की संख्या के दोगुना अभ्यर्थियों को बुलाया जाता था और उम्मीदवारों को विवेकाधिकार के आधार पर अंक दिए जाते थे। लेकिन हमने न केवल इस बीमार व्यवसाय का पता लगाया 8 लोगों को उनकी भागीदारी के लिए सलाखों के पीछे भी भेज दिया है।

अब केवल पारदर्शी तरीके से योग्यता के आधार पर ही नौकरियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश में पहला ऐसा राज्य में जहां युवाओं को रोजगार परक बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी बनाई गई है, जिसमें युवा प्रशिक्षित होकर अपना जीवन यापन कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि केवल बुनियादे ढ़ांचा ही विकास का एक पैमाना नहीं होता बल्कि जीवन स्तर को सुधारना भी विकास की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि सामान्य जीवन जीने में जो कठिनाइयां आती हैं उन्हें दूर करना भी सरकार का काम होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने और जीवन के स्तर को सुधारने के लिए ई गवर्नेंस के माध्यम से सिस्टम में बदलाव किए हैं।

क्वालिटी ऑफ लाइफ को ऊपर उठाने के लिए ई गवर्नेंस के माध्यम से ई-दिशा केंद्र, ग्राम सचिवालय और अटल सेवा केंद्रों की शुरुआत की गई है, जिसमें सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है और आम नागरिक घर बैठे सभी सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकता है।

लाखों अनुबंध कर्मचारियों के भविष्य के साथ खेलने के लिए पिछली सरकार को दोषी ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में नियमित कर्मचारियों की संख्या आउटसोर्सिंग के माध्यम से लगे लोगों के बराबर है। उन्होंने कहा कि अपने लोगों को समायोजित करने के लिए पिछली सरकार ने अपने अनुसार रेगुलाइजेशन नीतियां बनाई जो संवैधानिक रूप से गलत थी।

इसके परिणामस्वरूप, उच्च न्यायालय ने हाल ही में 2014 की रेगुलाइजेशन नीति को रद्द कर दिया है। इसके विपरीत, वर्तमान राज्य सरकार अपनी भर्ती एजेंसियों अर्थात हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) और हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के माध्यम से नियमित नियुक्ति कर रही है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार जातिवाद की राजनीति में विश्वास नहीं करती है और बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ढाई करोड़ जनता उनका परिवार है और किसी के साथ भेदभाव या अन्याय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में तेजी से कदम उठाए हैं। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में हरियाणा 2015 में 14 वें स्थान पर था जो अब शीर्ष स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को राज्य और केंद्र सरकार की उपलब्धि के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से योगदान दिया जा सके। उन्होंने उनसे योग दिवस, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और राहगिरी जैसे अन्य कार्यक्रमों के साथ खुद को जोडऩे के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के चार वर्षों के पूरा होने पर एक बड़ा संपर्क कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसी श्रृंखला के तहत आज प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अब तक समाज की कई प्रमुख व्यक्तित्वों के साथ वन-टू-वन बैठक की है, लेकिन यह पहला अवसर है जब उन्हें एक मंच पर बुद्धिजीवियों से मिलने का मौका मिला। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके द्वारा दिए गए सभी सुझाव पर राज्य सरकार विचार करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के विजन की ओर बढ़ते हुए प्रदेश सरकार ने किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन किया है जिसके माध्यम से सभी संबंधित विभाग एक साथ मिलकर किसानों की समस्याओं का समाधान निकालेंगे। उन्होंने कहा कि केवल कीमतें बढ़ाना आय को दुगना करने का साधन नहीं है बल्कि लागत को कम करना भी हमारी प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के हर जोखिम को कवर किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को जोखिम फ्री बनाने के लिए भावान्तर भरपाई योजना शुरु करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।

इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री नायब सिंह सैनी, सांसद श्री रतन लाल कटारिया, विधायक श्री ज्ञान चंद गुप्ता और श्रीमती लतीका शर्मा तथा बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी उपस्थित थे।

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