- March 16, 2017
लॉजिस्टिक क्षेत्र के लिए ‘हब एंड स्पोक’ नीति
पीआईबी (दिल्ली)———– सड़क परिवहन, राजमार्ग और शिपिंग मंत्री श्री नितिन गड़करी ने कहा है कि सरकार एकीकृत, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स और परिवहन नीति तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। इस नीति से देश में लॉजिस्टिक लागत लगभग आधी कम हो जाएगी और भारतीय उत्पाद अधिक स्पर्धी हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान ‘प्वाइंट टू प्वाइंट’ के स्थान पर लॉजिस्टिक क्षेत्र के लिए ‘हब एंड स्पोक’ नीति अपनाई जाएगी। श्री गड़करी 03 से 05 मई, 2017 तक आयोजित होने वाले भारत एकीकृत परिवहन और लॉजिस्टिक्स सम्मेलन के बारे में जानकारी दे रहे थे।
श्री गड़करी ने कहा कि एकीकृत नीति में 50 आर्थिक गलियारों को बनाना तथा माल ढुलाई की समग्र क्षमता में सुधार के लिए फीडर तथा अंतर-गलियारा मार्गों को उन्नत बनाना शामिल है। योजना में 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करना है। ऐसे पार्क माल एकत्रीकरण, मल्टी मॉडल परिवहन, भंडारण तथा मूल्यवर्द्धित सेवाओं के लिए केन्द्र के रूप में काम करेंगे। इसके अतिरिक्त 10 इंटर मॉडल स्टेशन बनाने की योजना हैं। यह स्टेशन रेल, सड़क, रैपिड ट्राजिट प्रणाली, बस रैपिड ट्राजिट (बीआरटी), ऑटो रिक्शा, टैक्सी तथा निजी वाहनों जैसे विभिन्न परिवहन मॉडलों को एकीकृत करेंगे।
लगभग 56,000 किलोमीटर के समग्र नेटवर्क को चिन्हित किया गया है। इसमें वर्तमान राष्ट्रीय (स्वर्ण चतुष्कोणीय तथा उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम गलियारा), प्रस्ताविक आर्थिक गलियारे, अंतर गलियारा मार्ग तथा फीडर मार्ग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इन मार्गों पर 191 शहरों की पहचान की गई हैं, जहां भीड़भाड़ और जाम को कम करने के उपाय किये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अंतर-राज्य सीमा आवाजाही से संबंधित प्रलेखन और प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। इन कदमों से अर्थव्यवस्था में सप्लाई चेन लागत में 5 से 6 प्रतिशत की कमी आएगी। लॉजिस्टिक्स पार्कों से शीर्ष 15 नोड के लिए परिवहन लागत में 10 प्रतिशत की कमी लाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त प्रदूषण कम होगा।
कम जाम लगेगा और भंडारण लागत कम होगी। लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास के लिए चेन्नई और विजयवाड़ा को चिन्हित किया गया है। इन दो शहरों में संभावना पूर्व अध्ययन तत्काल आधार पर शुरू किया जाएगा।
श्री गड़करी ने कहा कि यह पहला अवसर है कि जब परिवहन क्षेत्र के विकास का काम एकीकृत रूप में किया जा रहा है। इस योजना से लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी और आर्थिक रूप से उत्पाद स्पर्धी होंगे।
सड़कों पर जाम कम होने से प्रदूषण स्तर में कमी आएगी और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार सृजन होगा। मई में आयोजित होने वाला भारत एकीकृत परिवहन और लॉजिस्टिक्स सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण होगा।
इस बैठक से सरकार के विभिन्न हितधारकों- सड़क, रेल, विमानन, शहरी नियोजन, निजी क्षेत्र के अवसंरचना विकासकर्ताओं और वैश्विक विशेषज्ञों को एक आदर्श मंच मिलेगा। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में परिवर्तन केवल एकीकृत प्रणाली के आधार पर ही संभव है।
सम्मेलन में 50 भारतीय और वैश्विक उद्योग के नेतृत्वकर्ता निम्नलिखित विषयों पर आयोजित होने वाले सत्रों में शामिल होंगे।
आर्थिक विकास के लिए सड़क माल ढुलाई गलियारा।
सार्वजनिक निजी साझेदारी : मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क।
जीएसटी : बदलते लॉजिस्टिक्स मॉडल।
नई संभावनाएं : अन्तर्देशीय जलमार्ग तथा तटीय जहाजरानी।
गेटवे : जाम, क्लीयरेंस, आवाजाही, समय और डिजिटीकरण की भूमिका।
शहरी परिवहन : नये विकास।
सप्लाई चेन परिवर्तन : भंडारण नवाचार।
मानक तथा लॉजिस्टिक्स के लिए कौशल।