लाड़ली लक्ष्मी योजना-2 के शुभारंभ : बेटियाँ बोझ नहीं वरदान हैं

लाड़ली लक्ष्मी योजना-2 के शुभारंभ :  बेटियाँ बोझ नहीं वरदान हैं

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बेटियाँ बोझ नहीं वरदान हैं। बेटियों के प्रति समाज की विचारधारा में परिवर्तन लाने के लिए प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना-2 के शुभारंभ पर लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाया जा रहा है। यह उत्सव सामाजिक क्रांति का वाहक बने इसके प्रयास किए जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों को सशक्त बनाने और उन्हें समान अधिकार दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में 8 मई को भोपाल के लाल परेड मैदान पर होने वाले लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के राज्य स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव महिला एवं बाल विकास श्री अशोक कुमार शाह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 2 मई से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाया जा रहा है। इसी क्रम में भोपाल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। इसका विभिन्न संचार माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे समाज में बेटियों के प्रति नई सोच एवं नई दिशा मिल सके। कार्यक्रम सांय 7 बजे से होगा, जिसमें अधिकाधिक संख्या में लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जाए। कार्यक्रम के दौरान लाड़ली पुस्तिका एवं लाड़ली लक्ष्मी योजना के ब्रोशर का विमोचन और लाड़ली ई-संवाद एप लांच किया जाएगा। साथ ही कुछ लाड़ली बालिकाओं को लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस का वितरण भी होगा। कार्यक्रम से प्रदेश की समस्त लाड़ली लक्ष्मियों एवं उनके अभिभावक कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ेंगे।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply