- June 25, 2015
ललित गेट पर सिंधिया
नई दिल्ली- राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं क्योंकि एक नया दस्तावेज सामने आया है, जिसमें ब्रिटेन में आव्रजन संबंधी ललित मोदी के आवेदन पर कथित रूप से राजे के दस्तख्त हैं और कांग्रेस का कहना है कि एक भगोड़े की मदद करके वे पूरी तरह बेनकाब हो गई हैं।
ललित मोदी से जुड़े मामले में अब तक किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की बात याद न होने का दावा करने वाली राजे के खिलाफ अपने तीर ओ तलवार तानते हुए कांग्रेस ने उनपर लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाया और उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की।
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एआईसीसी ब्रीफिंग में कहा है कि पर्दे उठ चुके हैं, रहस्य खुल गया है। ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिनपर वसुंधरा राजे ने ललित मोदी द्वारा ब्रिटिश सरकार को भेजे आव्रजन मामले की पैरवी करते हुए 18 अगस्त 2011 को दस्तख्त किए हैं।
पहले जब यह मामला सामने आया तो उन्होंने इससे इंकार किया, लेकिन बाद में कहा कि उन्हें याद नहीं। आरोप है कि राजे ने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के आव्रजन संबंधी आवेदन का गवाह बनने पर कथित तौर पर सहमति जताई बशर्तें भारत में इस बारे में किसी को पता न चले।
रमेश ने कहा ने कहा है कि बीजेपी ने हमेशा कहा है कि अगर उनके (राजे के) हस्ताक्षर वाले दस्तावेज पेश किए जाएंगे तो उन्हें दोषी माना जाएगा। अब किसी और सुबूत की जरूरत नहीं है। वसुंधरा राजे की कलई पूरी तरह से खुल गई है। जारी रमेश ने कहा कि कांग्रेस तत्काल राजे का इस्तीफा चाहती है क्योंकि उन्होंने एक भगोड़े की मदद करते हुए चार कानून तोड़े हैं। भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निरोधक कानून, पीएमएलए, पासपोर्ट कानून। सात पृष्ठ का कागज दिखाते हुए, जिसमें 21 बिंदु हैं, उन्होंने कहा है कि स्वतंत्र भारत में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, जब एक (तत्कालीन) पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष की नेता ने एक भगोड़े की मदद की हो।
आधिकारिक तौर पर इन खबरों की पुष्टि नहीं हो पाई कि बीजेपी ने इस सिलसिले में राजे से स्पष्टीकरण मांगा है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के नेतृत्व में एक दो सदस्यीय दल को राजस्थान भेजा है।
ताजा रहस्योद्घाटन के बाद असहज स्थिति में आई बीजेपी ने इसपर चौकस प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि पार्टी इस मामले से भागेगी नहीं और नए रहस्योद्घाटन की जांच करेगी।
उन्होंने कहा है कि हम भागेंगे नहीं, पार्टी इस संबंध में जो भी जरूरी होगा, करेगी ताकि सच सामने आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वार करते हुए रमेश ने कहा है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त न करने और शुचिता की बातें करने वाली सरकार को उनसे तत्काल इस्तीफा मांग लेना चाहिए।
एक साल पहले इन मामलों पर अकसर दहाड़ने वाले प्रधानमंत्री मौन हैं और अपने दड़बे में घुस गए हैं। दिनभर में ललित मोदी विवाद के एक नए तूफान में बदलने के दौरान रमेश ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का इस्तीफा भी मांगा, जिन्होंने मोदी को ब्रिटेन में यात्रा दस्तावेज हासिल करने में मदद की थी।
इसके अलावा मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दीं, जब एक अदालत ने चुनावी हलफनामों में उनकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग अलग जानकारी देने संबंधी शिकायत पर संज्ञान ले लिया।
रमेश ने कहा है कि उन्हें (राजे को) तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का इस्तीफा आना चाहिए। यह साफ करते हुए कि कांग्रेस इस मामले पर चैन से नहीं बैठेगी रमेश ने कहा कि इन तीन नेताओं के इस्तीफे की मांग पर कोई समझौता नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि आज की रात के बाद राजे का राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहना ‘अनैतिक’ है। उन्होंने कहा है कि हमारा संघर्ष संसद के भीतर और बाहर जारी रहेगा। सीपीआई की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने कहा है कि राजे को एक सेकंड के लिए भी पद पर रहने नहीं दिया जा सकता।
उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह सहित यह बीजेपी के शीर्ष नेताओं की जिम्मेदारी है कि वह तत्काल कार्रवाई करें और उनसे इस्तीफा लें क्योंकि यह साफ है कि वह इस्तीफा देने वाली नहीं हैं।
करात ने कहा है कि पहली बार तथ्य सामने आने पर उन्होंने सबसे पहले झूठ बोला। वह जानती हैं कि क्या करना चाहिए, लेकिन इस उम्मीद में सबकी आंखों में धूल झौंकने की कोशिश कर रही हैं कि सच सामने नहीं आएगा। अब उनके सामने इस्तीफा देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।