- April 11, 2016
रोटरी क्लब एलीट की पहल : बिना हाथ आए, हाथ पाकर लौटे:-
उदयपुर —–विशेष किस्म के हाथ पाकर सात वर्षीय बालिका से लेकर 70 वर्षीय वृद्ध तक सभी दिव्यांगों के चेहरे पर खुशी लौट आयी,जिसकी तलाश वे पिछले लम्बे समय से कर रहे थे। उनके चेहरे के हाव-भाव यह बता रहे थे कि वे भी अब दिव्यांग नहीं कहलायेंगे क्योंकि अब उनके एक नहीं दो-दो हाथ हो गये हैं। इस कृत्रिम हाथ से वे हर वो कार्य कर पायेंंगे जो दो हाथ वाला सामान्य इंसान करता है।
यह सब संभव हो पाया रविवार को उदयपुर में वासुपूज्य जिनदत्त सूरी धर्मशाला में रोटरी क्लब एलिट ,रोटरी डिस्टि्रक्ट 3052 तथा रोटरी डिस्टि्रक्ट 3040 के रोटरी क्लब इंदौर के तत्वावधान में आयोजित कृत्रिम निःशुल्क हाथ प्रत्यारोपण प्रशिक्षण व वितरण शिविर में। इसमें मुंबई,मध्यप्रदेश, गुजरात आदि राज्यों तथा राजस्थान के विभिन्न जिलों से आये मरीजों को निःशुल्क हाथ लगाए गए।
शिविर का गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने अवलोकन किया तथा रोटरी क्लब एलिट द्वारा दिव्यांगों हेतु किये गए इस प्रयास की सराहना की तथा इस प्रकार के सेवा कार्य के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
स्वागत के दौरान कटारिया ने अपना उपरणा रोटरी क्लब के पदाधिकारियों को ओढ़ाते हुए कहा कि आज अभिनंदन का काम रोटरी एलिट ने किया है, जो अब तक एक हाथ नहीं होने से काम नहीं कर पाते थे, वे रोटरी एलिट के कारण अब काम कर पाएंगे।
शिविर का नगर निगम महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टांक सहित रोटरी डिस्टि्रट 3052 के प्रांतपाल प्रद्युम्न पाटनी, रोटरी डिस्टि्रट 3040 के प्रांतपाल सुजीव गुप्ता, प्रान्तपाल निर्वाचित रमेश चौधरी आदि ने अवलोकन किया और शिविर के क्रिया-कलापों की जानकारी लेते हुए मरीजों से बातचीत की। सभी अतिथियों का उपरणा ओढ़ा अभिनंदन किया गया।
रोटरी एलिट के अध्यक्ष मनीष गलुण्डिया ने बताया कि शिविर में प्री रजिस्ट्रेशन के आधार पर आस्ट्रेलिया निर्मित 250 जनों को कृत्रिम हाथ से लाभान्वित किया गया। शिविर में आए अन्य 30 जनों को शीघ्र ही शिविर लगाकर कृत्रिम हाथ प्रदान किए जाएंगे। गलुण्डिया ने बताया कि शिविर में भाग लेने वाले सभी दिव्यांगों से वर्ष में कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करने तथा मृत्योपरान्त नेत्रदान एंव अंगदान करने का संकल्प पत्र भरवाया गया।
अखिल भारतीय परियोजना निदेशक तरुण मिश्रा ने बताया कि कृत्रिम हाथ लगाने के बाद दिव्यांग न केवल 12 किलो तक का भार उठा सकेगा वरन् वह दुपहिया या चौपहिया वाहन भी चला पायेगा।
क्लब सचिव रमेश मोदी ने बताया कि कृत्रिम हाथ लगवाने के बाद दिव्यांगों को हाथ के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई।