- April 24, 2018
रेरा अधिनियम—रियल एस्टेट परियोजनाओं तथा एजेंटों के पंजीकरण अभियान
शिमला ———–हि.प्र. नगर नियोजन विभाग ने शिमला में रियल एस्टेट ‘विनियमन एवं विकास’ अधिनियम 2016 तथा हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) नियम 2017 पर ‘शेपिंग टूमारो’ विषय पर राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में प्रमोटरों तथा रियल एस्टेट एजेंटों सहित नगर नियोजन विभाग, हिमुडा, डीडीएनडीए तथा नगर निगम शिमला के अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए शहरी विकास, आवास तथा नगर नियोजन के अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण कपूर ने कहा कि तेजी से विकसित हो रहे रियल एस्टेट को नियंत्रित करने के लिए रियल एस्टेट परियोजनाओं तथा एजेंटों के पंजीकरण का कार्य प्रदेशभर में अभियान के तौर पर किया जाएगा।
उन्होंने प्रमोटरों और एजेंटों को रियल एस्टेट विनियमन एवं विकास अधिनियम (रेरा) के प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन करने की सलाह दी और कहा कि परियोजनाओं के निष्पादन में देरी अथवा दोष पाए जाने पर रेरा अधिनियम एवं नियमों के अंतर्गत दंडित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नगर नियोजन विभाग ने सफलतापूर्वक रेरा वैबपोर्टल तथा अब तक लगभग 30 रियल एस्टेट परियोजनाओं और 20 रियल एस्टेट एजेंटों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है।
राज्य सरकार ने राजपत्र में हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट (विनियमन तथा विकास) नियम 2017 भी प्रकाशित किया है और अधिनियम और उसके नियमों के अनुसार कड़ी जांच के बाद विभिन्न परियोजनाओं तथा एजेंटों को पंजीकृत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अधिनिमय के कार्यान्वयन में टीसीपी ने पहले से ही काफी प्रगति की है। राज्य सरकार पहले से ही पूर्णकालिक रेरा प्राधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया पर कार्य कर रही है।
नामित अधिकारी रेरा एवं निदेशक टीसीपी राजेश्वर गोयल ने प्रतिभागियों को रेरा अधिनियम 2016 के विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जो पूरे देश में प्रथम मई, 2017 से लागू हुआ है।
राज्य शहरी नियोजक संदीप शर्मा ने रेरा वेबपोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया के अतिरिक्त एचपी टीसीपी नियम 2014 के अपार्टमेंट विनियम प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी।
आयुक्त नगर निगम शिमला रोहित जम्वाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।