- March 28, 2015
”रिसर्जेट राजस्थान समिट’ के लिए जापान
जयपुर – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा है कि राजस्थान सरकार हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री श्री सिंजो अबे के बीच हुए समझौतों के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रतिबद्घता से कार्य कर रही है।
श्रीमती राजे अपनी आगामी जापान यात्रा के संबंध में शुक्रवार को नई दिल्ली के जोधपुर हाउस में जापानी मीडिया के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रही थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 19 एवं 20 नवम्बर को राजस्थान सरकार द्वारा जयपुर में आयोजित किये जाने वाले ” रिसर्जेट राजस्थान समिट’ की तैयारियों के संदर्भ में वे 06 अप्रैल से 10 अप्रैल तक एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ जापान का दौरा करेंगी। जहां पर जापानी उद्यमियों के साथ आयोजित बैठकों में राजस्थान में ऑटोमोटिव और सिरेमिक क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने पर चर्चा होगी।
श्रीमती राजे ने नीमराना स्थित जापानी जोन की चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 2006 में जापानी एक्सटर्नल टे्रड ऑगनाइगेशन जेट्रो द्वारा यह जोन स्थापित किया गया था जिसके लिए रीको द्वारा 2007 में 1167 एकड़ भूमि आवंटित की गई। यह देश के औद्योगिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
इस क्षेत्र में 473 एकड़ जमीन जापान के 45 कम्पनियों को आवंटित की गई, जिसमें 37 यूनिटों में उत्पादन शुरू हो गया है यहां करीब 4 हजार 200 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इस जोन में जापान की प्रसिद्घ बहुराष्ट्रीय कम्पनियां डेकिन एयरकडिशनिगं, निशिन बैक्स, माइटे्रक्स पॉलिमर, मित्सुई एडवांस पॉलिमर, निप्पन पाईप आदि ने अपने कारखाने स्थापित किये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जापानी जोन में स्थापित किये गये प्लांटों से राज्य को विश्व की अग्रणी तकनीकी कम्पनियों के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने जापानी कम्पनियों को इस जोन में दी गई सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि केन्द्रीय बिक्री कर में छूट प्रदान करने के साथ ही सत्त विद्युत आपूर्ति के लिए इन्हें आश्वस्त किया गया है।
श्रीमती राजे ने कहा कि नीमराना और गिलोठ क्षेत्र के 500 किलोमीटर क्षेत्रफल में बसने वाली जनसंख्या पूरे जापान की जनसंख्या से ज्यादा है जो इस क्षेत्र में उत्पादन कर रही कम्पनियों को बहुत बड़ा कंज्युमर बेस प्रदान करती है। नीमराना और गिलोठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है।
गिलोठ से करीब 8 किलोमीटर क्षेत्र से दिल्ली मुम्बई फ्रेट कोरिडोर गुजरता है। यहां कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा एक लॉजिस्टिक हब भी बनाया जा रहा है। इससे जोन की कम्पनियों को आयात एवं निर्यात के लिए सुविधा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवाड़ी-नीमराना क्षेत्र ऑटो हब के रूप में विकसित हो रहा है। यहां होंडा कार, होंडा मोटर साईकिल एवं स्कूटर और अलवर शहर में अशोक लिलैंड, टी.ए.एफ.ई. द्वारा औद्योगिक इकाईयां स्थापित की गई हैं। होंडा समूह द्वारा टपूकड़ा में ग्रीन फील्ड कार और दो पहिया वाहनों के निर्माण की इकाई स्थापित की गई। इस क्षेत्र में एक बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश का आना सम्भावित है। यहां जापान की प्रसिद्घ औषध कम्पनी मैसर्स टेसुका द्वारा 100 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान उन सभी कच्चे उत्पाद का हब है, जिनकी ऑटो मोबाइल क्षेत्र में आवश्यकता होती है।
श्रीमती राजे ने कहा कि नीमराना धीरे-धीरे एक जापानी टाउनशिप के रूप में उभर रहा है। यहां पर करीब 200 जापानी रह रहे हैं तथा ”टोकियों मित्सुबिशी यू.एफ.जे. बैंक ने नीमराना में अपनी ब्रांच खोलकर कार्य शुरू कर दिया है। इसके करीब 90 प्रतिशत ग्राहक जापानी कम्पनियां हंै।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रीको द्वारा गिलोठ में 500 एकड़ जमीन पर दूसरा जापानी जोन बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस जोन में आवंटन के प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हो जाएगी। रीको द्वारा गिलोठ में ही 750 एकड़ जमीन पर सिरेमिक और ग्लास जोन बनाने का कार्य किया जा रहा है। राजस्थान में सिरमिक एवं ग्लास उद्योग के लिए काफी मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में इ.एस.डी.एम. (विद्युतिकी) प्राथमिक क्षेत्र के रूप में उभरा है तथा इस क्षेत्र में निवेश आना भी शुरू हो चुका है। भारत सरकार द्वारा कराये गये एक अध्ययन में बताया गया है कि इ.एस.डी.एन. सेक्टर में मांगपूर्ति का गैप 2020 तक 300 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो कि राज्य में स्थित इस क्षेत्र में निवेश के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इस मौके पर मुख्य सचिव श्री सी.एस.राजन, प्रमुख उद्योग सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता और नई दिल्ली में राजस्थान की प्रमुख आवासीय आयुक्त डॉ. सविता आनन्द भी मौजूद थी।
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