- November 27, 2014
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में स्वाधीनता संग्राम में वर्धा के महत्व की ओर संकेत करते हुए कहा कि वर्धा पर इतिहास की छाप अंकित है। यह स्वाधीनता के संग्राम की भावना से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वर्धा, सादगी की ताकत, विचारों की ताकत, प्रतिबद्धता की ताकत का प्रतीक है और इसके बाहरी हिस्से में सेवाग्राम में गांधीजी का आश्रम है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रणाली ऐसी बहुमुखी ताकत है, जो भारत में बदलाव लाते हुए उसे दुनिया के अग्रणी देशों की कतार में शामिल कर सकती है। भारत का भविष्य और महान तथा शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विश्व का नेतृत्व करने की उसकी आकांक्षाओं की डोर युवाओं के हाथों में हैं। देश के बहुसंख्यक युवाओं को शिक्षा का उपयुक्त माहौल उपलब्ध कराने के प्रति समर्पित शैक्षिक संस्थानों के माध्यम से ही योग्य बनाया जा सकता है।
अच्छे शिक्षकों का होना बहुत जरूरी है। हमारे शैक्षिक संस्थानों में उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। हमें अच्छी व्यवस्था बनाने की जरूरत है। हमें शिक्षा का इस्तेमाल सभी नागरिकों के लिए समावेशन और समानता सुनिश्चित करने के साधन के रूप में करना चाहिए।