- April 22, 2015
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग :अधिकारियों की बैठक – शासन सचिव श्री टी.आर मीणा
जयपुर -राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के शासन सचिव श्री टी.आर मीणा ने कहा कि हाथ से मैला उठाने की प्रथा किसी भी सभ्य समाज के लिए कलंक है, इसे समूल नष्ट किया जाना चाहिए एवं समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए सफाई कर्मचारियों के हितों का संवद्र्घन किया जाना चाहिए।
श्री मीणा मंगलवार को अजमेर जिला कलेक्टे्रट सभागार में आयोजित बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की संसद ने दिसम्बर 2013 में हाथ से मैला उठाने की प्रथा का उन्मूलन विधेयक पारित किया है, जिसके बारे में बहुसंख्यक लोग अनभिज्ञ है। इसके तहत हाथ से मैला उठाने हेतु सफाई कर्मचारी को बाधित करने को आपराधिक कृत्य माना गया है एवं इसे प्रतिबंधित किया गया है। इस प्रकार के प्रकरण में जमानत नही मिलेगी एवं दो साल की सजा का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि हाथ से मैला उठाने की प्रथा का उन्मूलन विधेयक के तहत सफाई कर्मचारी की कार्यस्थल पर दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर 2 लाख की सहायता का प्रावधान था, जिसे सर्वाेच्च न्यायालन ने 10 लाख रुपए कर दिया है। श्री मीणा ने अधिकारियों को जिले में वर्ष 1993 से लेकर अब तक कार्यस्थल पर सफाई कर्मचारियों की दुर्घटना में हुई मृत्यु की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी व स्थानीय निकाय सफाई कर्मचारियों की नियमित स्वास्थ्य जांच, सुरक्षा उपकरण, वेतन, आवास संबंधी आवश्यकताएं सुनिश्चित करते हुए उनके हितों के संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध होकर कार्य करें।
जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक ने बताया कि जिले में हाथ से मैला उठाने वालों की संख्या शून्य है। सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2013 में प्रारम्भ हुई थी लेकिन कुछ विसंगतियों के चलते निरस्त कर दी गई थी। राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में 756 सफाई कर्मचारियों की भर्ती हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके तहत सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी नगर निगम श्री सी.आर. मीणा ने बताया कि अस्वच्छकारी शौचालयों का सर्वे कराया गया है, अजमेर में लगभग 9 हजार अस्वच्छकारी शौचालय है जो कि सेफ्टी टेंक से ना जुड़े होकर सीधा नालियों से जुड़े है। इस संबंध में पब्लिक नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं हाथ से मैला ढ़ोने वालों की संख्या शून्य है। सफाई के नये ठेेके के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई है।
सचिव श्री मीणा ने कहा कि अस्वच्छकारी शौचालयों का उपयोग करने वाले लोगों को व्यक्तिगत नोटिस दिए जाए। साथ ही सफाई का ठेका करते समय ठेकेदार को सफाई कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच, सुरक्षा उपकरण एवं न्यूनतम वेतन संबंधी नियमों के तहत पाबन्द किया जाना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण हरचंदानी ने बताया कि सफाई कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य शिविर हेतु नगर-निगम से समन्वय कर कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी। विभाग द्वारा सफाई कर्मचारियों को समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती रही है। जिस पर सचिव श्री मीणा ने अधिकारियों को सफाई कर्मचारियों हेतु चिकित्सा कार्ड बनाने के निर्देश भी दिए। किशनगढ़ नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में 1233 अस्वच्छकारी शौचालय है, जिनमें से 204 परिवारों को नोटिस भी दिया गया है। ब्यावर नगरपरिषद के अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में 1700 अस्वच्छकारी शौचालय है एवं 1008 शौचालय विहीन घर है।
परिषद द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत 3 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। पुष्कर नगर पालिका के अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में 404 शौचालय विहीन घर है, अस्वच्छकारी शौचालयों की संख्या शून्य है। पालिका द्वारा 10 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। इस अवसर पर सरवाड, केकड़ी एवं विजयनगर नगरपालिकाओं के अधिकारियों ने क्षेत्र में शौचालय विहीन घरों की संख्या आदि की उपलब्ध कराई।
इस अवसर पर सफाई कर्मचारियों को ऋण व आवास के संबंध में सफाई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मांग करते हुए कहा कि सफाई कर्मचारियों को ऋण देने की प्रक्रिया सरल की जाए एवं अजमेर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में सफाई कर्मचारियों हेतु 20 प्रतिशत आवास आरक्षित किए जाए। जिस पर सचिव श्री टी आर मीणा ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार, श्री हरफूल सिंह यादव, उपनिदेशक सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग श्रीमती विजयलक्ष्मी गौड, स्थानीय निकायों के अधिकारी, सफाई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
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