राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल : सौर ऊर्जा आधारित सोलर पम्प स्थापना में पहला स्थान

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल : सौर ऊर्जा आधारित सोलर पम्प स्थापना में पहला स्थान

रायपुर (छत्तीसगढ) –  राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत घरेलू नल कनेक्शन देने के मामले में छत्तीसगढ़ ने चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। सौर ऊर्जा आधारित सोलर पम्प स्थापना में पहला स्थान हासिल करने के बाद यह राज्य की एक और बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा ने इस शानदार कामयाबी के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों सहित जनता को भी बधाई दी है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पी.एच.ई.) विभाग के सचिव श्री गणेशशंकर मिश्रा ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) स्थित अपने कार्यालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के बाद बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत राज्य में इस अवधि में अब तक लगभग 88 हजार ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। यह संख्या पूरे देश में सबसे ज्यादा है।

इसके अलावा यह उपलब्धि केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को दिए गए नल कनेक्शनों के वार्षिक लक्ष्य से भी लगभग तीन सौ प्रतिशत ज्यादा है। केन्द्र सरकार ने राज्य को इस कार्यक्रम के तहत वर्तमान वर्ष 2014-15 में तीस हजार नल कनेक्शनों का लक्ष्य दिया था। ग्रामीणों को जल जनित बीमारियों से बचाने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।

छत्तीसगढ़ में पिछले 42 वर्ष में जितने घरेलू नल कनेक्शन दिए गए थे, उसके 50 प्रतिशत से ज्यादा कनेक्शन यानी तकरीबन 88 हजार कनेक्शन चालू एक वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के लगभग दो महीने पहले ही दिए जा चुके हैं। इन्हें मिलाकर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू नल जल कनेक्शनों की संख्या अब दो लाख 50 हजार से भी ज्यादा हो गई है।

श्री मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत प्रत्येक घरेलू कनेक्शन के लिए पांच सौ रूपए शुल्क लिए जाने का प्रावधान है, लेकिन गरीबी रेखा श्रेणी (बी.पी.एल.) के परिवारों के लिए इस राशि की भरपाई छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की जा रही है। इसके लिए राज्य शासन के निर्देशों के अनुरूप 13वें वित्त आयोग के मूलभूत मद की राशि, ग्राम पंचायतों को मिलने वाली खनिज रायल्टी की राशि और सांसद निधि आदि मदों से राशि की प्रतिपूर्ति जिला कलेक्टरों द्वारा की जा रही है।

श्री मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शनों की योजना पाइप वाटर स्कीम के रूप में वर्ष 1972 में शुरू की गई थी। तब से लेकर पिछले वित्तीय वर्ष 2013-14 तक एक लाख 62 हजार 502 नल कनेक्शन दिए जा चुके थे। विगत एक अप्रैल 2014 से प्रारंभ वर्तमान वित्तीय वर्ष में 31 जनवरी 2015 तक यानी दस महीने में 87 हजार 800 घरों को ये कनेक्शन दिए जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक यानी मार्च 2015 तक यह संख्या और भी बढ़ सकती है।

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में सोलर पम्पों के माध्यम से जनता को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में भी छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है। पिछले वित्तीय वर्ष 2013-14 में पूरे देश में जितने सोलर पम्प लगाए गए, उसमें से लगभग 90 प्रतिशत सोलर पम्पों की स्थापना छत्तीसगढ़ में की गई। केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने भी नई दिल्ली के एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि की तारीफ की है।

विभागीय समीक्षा में सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत घरेलू नल कनेक्शन देने में चालू वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की उपलब्धि निश्चित रूप से काफी उत्साहवर्धक है। उन्होंने इसके लिए विभागीय अमले की सक्रियता की भी प्रशंसा की ।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की कुछ ऐसी बसाहटों में, जहां लोग झिरिया और कुओं के अशुद्ध पानी का इस्तेमाल करते हैं, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से क्लोरिन टेबलेट और ब्लीचिंग पाउडर आदि का वितरण करने तथा जल शुद्धिकरण के लिए लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।

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