- February 8, 2018
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस—- बच्चों को कृमि नियंत्रण के लिए जरूर खिलाएं दवा: उपायुक्त
झज्जर (जनसंपर्क विभाग)———– राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन व स्वास्थ विभाग हरियाणा की ओर से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर दस फरवरी को जिले में एक वर्ष से 19 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को नि:शुल्क कृमि नियंत्रण दवाई दी जाएगी।
उपायुक्त सोनल गोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एक से छह वर्ष तक की आयु के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में तथा छह से 19वर्ष तक आयु के सभी छात्रों को स्कूलों में कृमि नियंत्रण की दवाई खिलाई जाएगी। संबंधित विभागों को इस संबंध में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर कृमि नियंत्रण दवाई खिलाने के अभियान को सघन रूप से चलाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त ने कहा कि एक से 19 वर्ष तक की आयु के सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, ईंट भटठों, स्कूल न जाने वाले बच्चों को भी यह दवाई खिलाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ विभाग की टीमें सभी गांवों व शहर के सभी वार्डो को कवर करेंगी। ईंट भट्ठो पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की मदद से यह कार्य किया जाएगा। स्कूल न जाने बच्चों को दवाई खिलाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पंचायती राज विभाग ग्राम पंचायतों की मदद से कृमि नियंत्रण दवाई खिलाने में स्वास्थ विभाग की मदद करेंगे।
श्रीमती गोयल ने कहा कि कार्यक्रम को सफलता पूर्वक चलाने के लिए शिक्षा विभाग की अहम जिम्मेवारी होगी। शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि कृमि नियंत्रण दवाई जिले में सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में बच्चों तक पंहुची हैं। दवाई कम है या फिर किसी बच्चे को दवाई खिलाने से रिएकशन होने की स्थिति में स्वास्थ विभाग के डाक्टरों की टीम मौजूद रहेंगी।
उपायुक्त ने कहा कि कृमि नियंत्रण के लिए दवाई खिलाने के अतिरिक्त बच्चों को व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरूक करें। कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वच्छता की जानकारी अहम है।
व्यक्तिगत व सामुदायिक स्वच्छता के तरीके भी छात्रों को विस्तार से समझाए जाएं। श्रीमती गोयल ने कहा कि जो बच्चा दस फरवरी को दवाई खाने से वंचित रह जाता है उसके लिए 15 फरवरी को विशेष अभियान चलाया जाएगा।
सीएमओ डॉ रमेश धनखड़ ने बताया कि नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पीयें, कुछ खाने से पहले और शौच के बाद अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह से साफ करें। सब्जियँा काटने व पकाने से पहले साफ पानी से धोयें तथा खाने को ढ़क कर रखें। सीएमओ ने कहा कि खुले में शौच ना जाएं । डॉ धनखड़ ने कहा कि थोड़ी सी सावधानी से ही कृमि संक्रमण की रोकथाम आसान हो जाती है।
उन्होंने कहा कि कृमि संक्रमण से कुपोषण व शरीर में खून की कमी हो जाती है जिसके कारण शरीर में थकावट महसूस होती है। डॉ धनखड़ ने कहा कि कृमि संक्रमण से संपूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास नहीं होता। इसलिए सभी अभिभावकों को दस फरवरी को अपने एक वर्ष से 19 वर्ष तक की आयु के बच्चों को कृमि नियंत्रण दवाई खिलानी चाहिए। यह दवा निशुल्क दी जाएगी।