- January 30, 2016
राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला : सोशल मीडिया का अधिकाधिक प्रयोग करें
जयपुर – सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों का आह्वान किया है कि वे राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से स्वयं को अपडेट रखें। साथ ही लोगों को योजनाओं की जानकारी देने के लिए वे परम्परागत तरीकों से हटकर अब सोशल साइट का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
श्री रविकान्त शुक्रवार को यहां विभाग के सभागार में आयोजित समस्त जनसम्पर्क अधिकारियों के एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यशाला में विशिष्ट शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री नीरज के. पवन द्वारा भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (बीएसबीवाई) एवं अतिरिक्त निदेशक एकीकृत जलग्रहण प्रबन्धन कार्यक्रम श्री अरुण सुराणा द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) के बारे में, श्री संजीव भानावत द्वारा सोशल मीडिया एवं पत्रकारिता व जनसम्पर्क पर तथा मुख्यमंत्री की विशेषाधिकारी सुश्री आंचल गुप्ता ने सोशल मीडिया बेस्ट पे्रक्टीसेज पर प्रस्तुतिकरण द्वारा विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आज के इस डिजीटल दौर में समाचार देने के परम्परागत तरीके पुराने हो गये हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी खबर की आप सोशल साईट पर एक फोटो मात्र अपलोड करने से उसकी पूरी जानकारी से लोगों को अवगत करा सकते हो।
स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रदेश के एक करोड़ परिवार जुड़े
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विशिष्ठ शासन सचिव श्री नीरज के. पवन ने अपने प्रस्तुतिकरण में बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से प्रदेश के एक करोड़ परिवारों को जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 3 लाख रुपये का बीमा कवर है जो देश के किसी भी राज्य में किसी भी योजना में नहीं है। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी योजना का प्रदेश में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर शत-प्रतिशत लोगों को जोडऩे की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 328 सरकारी तथा 320 निजी चिकित्सालयों को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ा गया है तथा निजी चिकित्सालयों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में 1715 विभिन्न प्रकार की बीमारियों को कवर किया गया है, जिनमें 1148 सामान्य एवं 500 गंभीर एवं 67 बीमारी राज्य सरकार के पास रिजर्व है। उन्होंने बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेने वाले मरीजों को अपने साथ परिवार का राशनकार्ड, भामाशाह कार्ड जरूर अस्पताल लेकर जाना होगा। योजना को एक अपे्रल, 2016 से पूरे प्रदेश में लागू किया जाना प्रस्तावित है।
श्री नीरज के. पवन ने बताया सभी जनसम्पर्क अधिकारी अपने-अपने जिलों के जो निजी अस्पताल भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से लिंक हो चुके हैं, उन चिकित्सालयों के बाहर भामाशाह योजना से लिंक होने की जानकारी का बोर्ड आवश्यक रूप से लगवायें ताकि आमजन को जानकारी हो सके। उन्होंंने बताया कि जनसम्पर्क अधिकारी, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से लिंक हो चुके ऐसे निजी चिकित्सालयों एवं राजकीय चिकित्सालयों में व्यक्तिश: जाकर वहां मौजूद स्वास्थ्य मार्ग दर्शक की सेवाओं की जानकारी भी आमजन तक पहुंचाने का प्रयास करें। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना एवं जांच योजना पूर्व की तरह चालू है और इन्हें बन्द नहीं किया गया है।
उन्होंंने सभी जनसम्पर्क अधिकारियों का आह्वान किया कि वे प्रदेश में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में सरल भाषा में, छोटी-छोटी लाभार्थियों की कहानी बनाकर आम जनता में अपनी प्रेस विज्ञप्ति सहित अन्य माध्यमों से जानकारी दें ताकि इसका लाभ गांव के गरीब, अशिक्षित लोगों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश में चलाये जा रहे आरोग्य राजस्थान कैम्प तथा राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठकों में भी भाग लें तथा चिकित्सालयों का विशिष्ठ अतिथि के साथ दौरा करें। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात के प्रति जागरुक करें कि अब लाभान्वितों को बाहर से कुछ भी क्रय नहीं करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री जलस्वावलम्बन अभियान
अतिरिक्त निदेशक एकीकृत जलग्रहण प्रबन्धन कार्यक्रम श्री अरूण सुराणा ने जनसम्पर्क अधिकारियों को कहा कि गांवों को जल में आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने 27 नवम्बर को झालावाड़ में मुख्यमंत्री जलस्वावलम्बन अभियान की शुरूआत की। इसके साथ सभी मंत्रियों ने अपने प्रभार वाले जिले में जाकर मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का शुभारंभ किया ताकि जल की दृष्टि से कल के भविष्य को सुरक्षित रखते हुए गांवों को जल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि आगामी 3 वर्षों में प्रदेश के 21 हजार गांवों को तथा इस वर्ष 3 हजार 529 गांवों को योजना से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि इसमें धर्म गुरूओं, स्वयंसेवी संगठनों, कारपोरेट जगत के लोगों सहित अन्य सभी लोगों का सहयोग मिला है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश में माह जून तक 3 हजार 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में मुख्यमंत्री, प्रदेश के सभी मंत्रियों, विधायकों ने 3 से 6 माह का अपना वेतन देने की घोषणा की है। ताकि प्रत्येक गांव का जल बजट तैयार किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस अभियान में कृषि, उद्यान, जल ग्रहण, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, वन विभाग ये सभी विभाग मिलकर कार्य करेेंगे ताकि फसल चक्र में परिवर्तन होने के साथ गांवों का जल स्तर ऊँचा उठ सके तथा प्रदेश को अकाल से नहीं जूझना पड़े।
उन्होंने सभी सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारियों का आह्वान किया कि वे मुख्यमंत्री जलस्वावलम्बन अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी का निर्वहन कर समाज में जल की महत्ता को समझते हुए एक मार्ग दर्शक के रूप में कार्य करें ताकि कल के भविष्य की चिंता करते हुए समाज के हर घर गांव व ढाणियों में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का संदेश जा सके। उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों की जानकारी वेबसाइट पर विस्तार से देखी जा सकती है।
सोशल मीडिया एवं पत्रकारिता/जनसम्पर्क
राजस्थान विश्वविद्यालय के जन संचार केन्द्र के विभागाध्यक्ष प्रो. श्री संजीव भानावत ने सोशल मीडिया एवं पत्रकारिता/जनसम्पर्क पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि कोई भी नई तकनीक की शुरूआत में विरोध होता है, जैसे आज कई लोग सोशल मीडिया का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब टीवी का दौर शुरू हुआ और मोबाईल चलन में आया इनका विरोध हुआ लेकिन बाद में यह सबकी आवश्यकता बन गये। उन्होंने यहां तक कहा कि आज फेस बुक के इतने फॉलोअर हैं कि इसको विश्व के तीसरे सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश के रूप में देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संचार माध्यम में इतनी ताकत है कि आज वह किसी भी अच्छे काम को एक जन आन्दोलन का रूप दे सकता है। उन्होंने कहा कि अब पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में भी फेस बुक/सोशल मीडिया एवं ट्वीटर को जोडऩे की मांग उठ रही है। उन्होंने कहा कि हम आज सोशल मीडिया द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के साथ उनकी समस्या के समाधान में भी उपयोग कर सकते हैं।
इस अवसर पर विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री विष्णु कुमार गोयल (आरएएस), अतिरिक्त निदेशक, श्री गोपेन्द्र नाथ भट्ट एवं श्री नानगराम बीलुनिया, उप निदेशक श्रीमती अलका सक्सेना, संयुक्त निदेशक श्री शिवचन्द मीना व श्री पे्रम प्रकाश त्रिपाठी सहित सभी सहायक निदेशक, जनसम्पर्क अधिकारी एवं सहायक जनसम्पर्क अधिकारी उपस्थित थे।
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