राज्य सभा में उत्तर : कैंसर निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं

राज्य सभा में  उत्तर :   कैंसर निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं
सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में कैंसर का विभिन्न स्तरों पर निदान और इलाज किया जाता है। देश में टेलीथैरेपी मशीनों की संख्या विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के मानकों से कम है। हालांकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, केन्द्र सरकार स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के लिए कैंसर की रोकथाम, निदान और इलाज में सुधार के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता करती है।

सरकार ने कैंसर, डायबीटीज, हृदय संबंधी बीमारियों और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए 2010 में एक व्यापक राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) शुरू किया जिसमें स्तन, गर्भाशय और ओरल कैंसर पर विशेष रुप से ध्यान केन्द्रित किया गया है। 2013-14 से कैंसर की रोकथाम, उसका शुरु में ही पता लगाने, निदान और इलाज के लिए एनपीसीडीसीएस के तहत हस्तक्षेप किया जिसे जिला स्तर तक ले जाकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लाया गया।

कैंसर के मरीजों का इलाज विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मुफ्त अथवा सस्ती दरों पर किया जाता है। इसके अलावा राज्य सरकार के स्वास्थ्य संस्थानों, केन्द्र सरकार के संस्थानों में से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, सफदरजंग अस्पताल, डा.राम मनोहर लोहिया अस्पताल, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर पुद्दुचेरी, चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट, कोलकाता में भी कैंसर के निदान और इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले मरीजों के लिए वित्तीय सहायता राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अंतर्गत उपलब्ध है जिसमें बीपीएल कैंसर मरीजों को 2 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता तत्काल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।

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