- March 7, 2022
राज्य के अंदर शराब बनाने वालों और दूसरे राज्य से शराब की खेप मंगवाने वाले माफिया के खिलाफ 5 मार्च से स्पेशल ड्राइव
14 ALTF (एंटी लिकर टास्क फोर्स) की टीम एक्टिव है। मद्य निषेध प्रभाग की 12 स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) काम
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राज्य के अंदर हुए जहरीली शराब कांड से लोगों की मौत हुई. होली के दरम्यान बिहार में बड़े पैमाने पर शराब खपाने की तैयारी को देखते हुए सरकार ने कमर कस ली है और पुलिस मुख्यालय की तरफ से आम दिनों से 3 गुणा अधिक कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार दूसरे राज्यों से विदेशी शराब की खेप मंगाए जाने की इनपुट है। साथ ही आशंका है कि शराब माफिया राज्य के अंदर बड़े पैमाने पर देशी शराब बना सकते हैं। उसे अपने सप्लाई चेन के जरिए पीने वाले लोगों तक पहुंचा सकते हैं। राज्य के अंदर शराब बनाने वालों और दूसरे राज्य से शराब की खेप मंगवाने वाले माफिया के खिलाफ 5 मार्च से स्पेशल ड्राइव की शुरुआत कर दी गई है, जो होली तक चलेगी।
जिन थानों में 3 से अधिक केस आए, वो हॉटस्पॉट
बिहार में हॉटस्पॉट के रूप में उन थाना इलाकों की पहचान की गई है, जहां बेधड़क बडे़ पैमाने पर शराब बनाई या बेची जा रही है। हॉटस्पॉट बनाने के लिए इसका एक पैमाना तय किया गया है। बिहार पुलिस के मद्य निषेध प्रभाग के अनुसार, हॉटस्पॉट उन्हीं थानों के इलाके बने हैं, जहां पिछले 6 महीने में शराब से जुड़े 3 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं। राज्य के अंदर अब तक करीब 1 हजार से अधिक हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं। इस कारण स्पेशल ड्राइव के लिए इन इलाकों पर सबसे अधिक फोकस रखा जा रहा है।
टारगेट को पूरा करने में जुटी ALTF और SOG
होली के मौके पर मिले स्पेशल टास्क को पूरा करने के लिए तीन तरीकों से काम चल रहा है। इसमें पहली टीम है ALTF यानी एंटी लिकर टास्क फोर्स। बिहार के सभी जिलों में कुल 227 ALTF की टीम काम कर रही है। पटना और मुजफ्फरपुर जैसे बड़े जिलों में एक साथ 14 ALTF की टीम एक्टिव है। साथ ही मद्य निषेध प्रभाग की 12 स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) काम कर रही है। इन दोनों के अलावा तीसरी टीम मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की है। जो अलग से शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।