• April 26, 2017

राजस्थान नगरपालिका (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, 2017 पारित

राजस्थान नगरपालिका (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, 2017  पारित

राजस्थान नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2017,
राजस्थान नगरपालिका (तृतीय संशोधन) विधेयक, 2017 एवं
राजस्थान नगरपालिका (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, 2017

जयपुर————-राज्य विधानसभा ने मंगलवार को राजस्थान नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2017, राजस्थान नगरपालिका (तृतीय संशोधन) विधेयक, 2017 एवं राजस्थान नगरपालिका (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, 2017 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

स्वायत्त शासन मंत्री श्री श्रीचंद कृपलानी ने इन विधेयकों को सदन में प्रस्तुत किया। राजस्थान गरपालिका (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, 2017 पर हुई बहस का जवाब देते हुए स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि इस विधेयक द्वारा नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 45, 55 व 121 में संशोधन प्रस्तावित किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि विधेयक में संशोधन द्वारा महिलाआें के कल्याण व बाल-विकास के कार्यों को भी नगरपालिका के प्राथमिक कार्यों में शामिल किया जा रहा है। इस संशोधन के द्वारा नगरपालिकाओं को महिला कल्याण व बाल-विकास के कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने हेतु सशक्त बनाया जा रहा है।

श्री कृपलानी ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया गया है। राजस्थान में पिछले तीन वर्षों में लगभग 7 लाख परम्परागत स्ट्रीट लाइटों को एल.ई.डी. लाइटों से बदला गया, जो सम्पूर्ण भारत में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि विधेयक के माध्यम से सार्वजनिक सड़कों, स्थानों व इमारतों पर रोशनी व्यवस्था के लिये स्थायी समिति का प्रावधान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में नगरपालिका द्वारा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अन्तर्गत निकाली गई मांग राशि या संशोधित मांग राशि के विरूद्ध अपील की सुनवाई का अधिकार जिला कलक्टर को प्राप्त है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक द्वारा नगर निगम के मामलों में मांग राशि संबंधी अपील की सुनवाई का अधिकार आयुक्त को तथा नगरपालिका व नगर परिषद के मामलों में यह अधिकार क्षेत्रीय उप निदेशक, स्थानीय निकाय विभाग को दिया जा रहा है।

श्री कृपलानी ने कहा कि कानूनों का लगातार परीक्षण करना, आमजन की तकलीफों का पूर्ण ध्यान रखना व उसके अनुसार कानूनों में समय-समय पर संशोधन कर उन्हें गतिशील बनाये रखने से राज्य में न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकता है। इससे आमजन का न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ता है। अतः इस भावना से नगरपालिका अधिनियम, 2009 में चार संशोधन बिल विधानसभा के इस सत्र में प्रस्तुत किये गये हैं।

श्री कृपलानी ने कहा कि 5 रुपए में नाश्ता और 8 रुपए में भोजन देने वाली अन्नपूर्णा रसोई योजना एक ऎतिहासिक योजना है और देश के दूसरे राज्य के मंत्री व अधिकारीगण भी इस योजना का अध्ययन करने के लिए यहां आये हैं। उन्होंने कहा कि आगामी छह माह में राजस्थान के प्रत्येक शहर में अन्नपूर्णा रसोई योजना की वैन उपलब्ध होगी।

Related post

सीरिया: दुनिया को विद्रोहियों को शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से आंकना चाहिए : शैलश कुमार

सीरिया: दुनिया को विद्रोहियों को शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से आंकना चाहिए : शैलश कुमार

सीरिया में असद शासन के पतन ने इस संकटग्रस्त देश के लिए एक नया अध्याय खोल…
गठबंधन में अलग थलग होती कांग्रेस

गठबंधन में अलग थलग होती कांग्रेस

सुरेश हिंदुस्तानी—-वर्तमान समेत में भारत की राजनीति निश्चित ही अनिश्चितता का एक ऐसा खेल है, जिसका…
गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

कमलेश–(अजमेर)—दिसंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान में आयोजित हुए तीन दिवसीय ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट…

Leave a Reply