• March 24, 2018

राजस्थान दिवस समारोह–म्यूजिक इन दी पार्क सीरीज

राजस्थान दिवस समारोह–म्यूजिक इन दी पार्क सीरीज

जयपुर——— राजस्थान दिवस समारोह की श्रृंखला में स्पिक मैके की ओर से जेडीए व टूरिज्म डिपार्टमेंट के सहयोग से यहां सेंट्रल पार्क में म्यूजिक इन दी पार्क सीरीज की विशेष सभा आयोजित की गई। इसमे कोलकाता के इंटरनेशनल फेम सरोद वादक पं. तेजेंद्र नारायण मजूमदार ने प्रस्तुति दी।
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श्री मजूमदार ने इस मौके पर संधिप्रकाश काल के राग श्री की प्रस्तुति दी। उन्होंने इस दौरान आलाप, जोड़, झाला के बाद विलम्बित, मध्य और उसके बाद द्रुत गत में तान, गमक, उपज एवं तिहाइयों का प्रयोग कर राग के सौन्दर्य को बखूबी पेश किया।

उन्होंने अपनी प्रस्तुति में आध्यात्मिकता के साथ ही श्रृंगार रस की प्रधानता को भी अभिव्यक्त किया। उनके साथ तबले पर शुभंकर बैनर्जी ने भी उपज की संगत से इस पूरी प्रस्तुति को सुर, लय और ताल का दस्तावेज बनाने में महति भूमिका निभाई।

कार्यक्रम से पहले उन्होंने कहा कि शास्त्रीय संगीत सुनने वालों की संख्या में अब काफी इजाफा हो रहा है। खासकर पिछले एक साल में तो छोटे-छोटे शहरों में भी इसके आयोजन होने लगे हैं। लोग टिकिट लेकर तक इसमें शरीक होने लगे हैं। मैं अपने गुरु की याद में कोलकाता में हर साल स्वर सम्राट संगीत समारोह करवाता हूं। चार हजार की क्षमता वाले ऑडिटोरियम में लोग बड़ी संख्या में टिकट खरीदकर आते हैं।

उन्होंने कहा कि उनका जयपुर से तीस साल पुराना नाता है। वो जब काफी यंग थे जब आईटीसी सम्मेलन में उन्होंने पहली प्रस्तुति दी इसके बाद जयपुर कई बार आना होता रहा है। 2016 में जवाहर कला केंद्र में भी बजाया था। जयपुर के श्रोताओं की संगीत प्रति समझ महाराष्ट्र और बंगाल की तरह ही है, यहां आकर सुकून मिलता है।

उल्लेखनीये कि संगीत के मैहर घराना शैली का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री मजूमदार की गणना देश के सबसे लोकप्रिय और सेलीब्रेटेड सरोद वादक के रूप में होती है। उन्होंने संगीत की शिक्षा अपने दादा मैंडोलिन वादक पं. विभूती रंजन मजूमदार और उस्ताद अली अकबर खां से प्राप्त की।

तेजेंद्र नारायण को सरोद वादन के समान ही गायन और तबला वादन में भी कुशलता हासिल है। सरोद वादन के अलावा मजूमदार कई बंगाली फिल्मों में संगीत निर्देशन भी कर चुके हैं।

इस मौके पर उनके साथ तबले पर पं. शुभंकर बैनर्जी संगत करेंगे। शुभंकर को नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में तबला वादन करने का गौरव हासिल है।इस अवसर पर संबंधित अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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