• November 8, 2014

राजस्थानी भाषा की मान्यता के पूरे प्रयास – मुख्यमंत्री

राजस्थानी भाषा की मान्यता के पूरे प्रयास  – मुख्यमंत्री

जयपुर, 7 नवम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि हम राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए पूरे प्रयास करेंगे। हमने हमारे सुराज संकल्प घोषणा पत्र में भी राजस्थानी भाषा की मान्यता की बात को सम्मिलित किया था। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को लेकर लम्बे समय से आवाज उठ रही है इसके लिए हम सब मिलकर पुरजोर प्रयास करेंगे।

श्रीमती राजे शुक्रवार को ईटीवी न्यूज चैनल के राजस्थानी भाषा के न्यूज बूलेटिन के शुभारम्भ समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मीडिया तथ्य एवं सच्चाई के साथ समाचार प्रस्तुत कर लोगों के दिलों को जोडऩे का काम करें क्योंकि तोडऩे का काम बहुत आसान हैं लेकिन जोडऩे का काम बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि आप जो खबरें लिखते हो और दिखाते हो उसमें सच्चाई की गंगा बहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी चैनल या समाचार पत्र के बारे में यह धारणा बनना जरूरी है कि इसमें खबर आई है तो वह सत्य ही है। लोगों में यह विश्वास बनाना बड़ी बात है।

श्रीमती राजे ने कहा कि मैं तो दो टूक शब्दों में सीधी और सच्ची बात कहती हूं।यहां की जनता भी मुझे अच्छे से जानती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमने सभी को परिवार माना है। विविधता में एकता का सिद्घान्त राजस्थान ने पूरी दुनिया को समझाया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है हम एक होकर आगे बढ़ें। इससे प्रदेश में बदलाव आयेगा और हमारा प्रदेश आगे बढ़ेगा क्योंकि राजस्थान के लोग जो भी काम करते हैं उसमें सफल होते हैं।

मुख्यमंत्री ने ईटीवी को राजस्थानी भाषा का न्यूज बुलेटिन शुरू करने पर बधाई देते हुए कहा कि पत्रकार अपने सिद्घान्तों से समझौता नहीं करें। उन्होंने कहा कि आजकल कई बार मीडिया पर भी कॉरपोरेट जगत, राजनैतिक दलों और कॉमर्शियल कॉम्पीटीशन का दबाव आता है लेकिन पत्रकारों को बेखौफ होकर सच्ची और अच्छी खबरें देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह जमाना तलवारों से जंग जीतने का नहीं कलम से लड़ाई लडऩे का है। यह जमाना शस्त्रों से मुकाबला करने का नहीं शब्द रूपी बाणों से युद्घ जीतने का है, लेकिन शब्द ऐसे होने चाहिए जो दिलों को जोडऩे का काम करें, तोडऩे का नहीं।

श्रीमती राजे ने राजस्थानी भाषा के महाकवि कन्हैयालाल सेठिया को याद करते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा की महत्ता को स्थापित करने में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा रचित ÓÓधरती धोरां रीÓÓ गीत देश की सीमाओं को पार कर विदेशों तक पहुंच गया है। इस अवसर पर श्री जयप्रकाश सेठिया ने अपने पिता कन्हैयालाल सेठिया की कविताओं की पुस्तक मुख्यमंत्री को भेंट की।

विधायक श्री अशोक परनामी ने कहा कि राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने का काम मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अवश्य पूरा होगा। विधायक श्री भवानी सिंह राजावत ने कहा कि राजस्थानी भाषा में न्यूज बुलेटिन की प्रदेशवासियों की बरसों से तमन्ना थी जो आज पूरी हुई है। धरोहर संरक्षण एंव प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि राजस्थानी भाषा के आठवीं अनुसूची में शामिल होने से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

अखिल भारतीय राजस्थान मान्यता संघर्ष समिति के अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक श्री प्रेम भण्डारी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती राजे राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर शुरू से ही प्रयासरत रही है। उन्होंने 1992 में दिल्ली में जो धरना दिया गया था उसमें भी भाग लिया था। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा का एक-एक शब्द मंत्र की तरह है। बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा मिलनी चाहिए। कार्यक्रम में दूरदर्शन के पूर्व निदेशक श्री नंद भारद्वाज सहित अन्य गणमान्य जनों ने भी विचार व्यक्त किए।

इससे पूर्व ईटीवी न्यूज चैनल के हैड श्री जगदीश चन्द्र ने मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में राजस्थानी लोकनृत्य घूंमर, कालबेलिया एवं मयूर नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर मंत्रिमण्डल के सदस्य, सांसद श्री रामचरण बोहरा, महंत श्री कैलाश शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

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