• October 26, 2016

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय— छोटी-छोटी कोशिशें सफलता की कहानी *** 125 कॉमन सेवा केंद्र सेवारत

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय— छोटी-छोटी कोशिशें सफलता की कहानी  *** 125 कॉमन सेवा केंद्र सेवारत

झज्जर, 26 अक्टूबर–किसी भी चीज को संवारने और सुधारने के लिए संसाधन से जरूरी इच्छा शक्ति का होना जरूरी है। इस बात की बानगी देखनी हो तो झज्जर के गांव माजरा दूबलधन का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का एक दौरा जरूर करना चाहिए। दरअसल स्कूल स्टाफ और विद्यार्थियों ने अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से स्कूल का नक्शा ही बदल दिया है।

स्कूल का अनुशासन, मिड-डे-मिल वितरण, स्वच्छता के लिए किए जाने वाले उपाय से लेकर रोजमर्रा की हर चीज इस स्कूल को अन्य स्कूलों से कुछ अलग करती है, साथ ही तमाम सरकारी स्कूलों के लिए सुधार की दिशा में किए गए प्रयास की बेहतरीन मिसाल भी माजरा डी गांव का यह स्कूल है। किसी भी स्कूल के लिए परीक्षा परिणाम सबसे महत्वपूर्ण मानदंड होता है। यहां भी स्कूल का परिणाम उल्लेखनीय है। 70 से 75 और कभी कभी 100 फीसदी तक परीक्षा परिणाम भी स्कूल की सफलता की कहानी कहता है।

कभी तालाब सा बन जाता था, अब बदली हुई है फिजा:
करीब चार साल पहले तक स्कूल की हालत ये थे कि बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही स्कूल में जलभराव शुरू हो जाता था। स्कूल के प्राचार्य वेदप्रकाश बताते हैं तभी स्कूल स्टाफ के साथ विचार आया और गांव के कुछ मौजिज लोगों से इस दिशा में अपने स्तर पर सुधार के लिए बात की। बस सहयोग मिलता चला गया और देखते ही देखते स्टाफ, ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं की इच्छाशक्ति के सामने समस्याएं बौनी दिखने लगी।

तीन-चार साल पहले तक जीर्ण-शीर्ण हालत में दिखने वाला स्कूल आज हर किसी को आकर्षित करता है। स्कूल का अपना एक खूबसूरत पार्क है। चकाचक करते टाइल लगे किचन और वाशरूम पर चर्चा करते हुए स्कूल प्रिसंीपल कहते हैं स्कूल के लिए कुछ रिजेक्टिड टाइलों का सहयोग मिल गया। चूंकि सोच सकारात्मक थी टाइले बेशक थोड़ी डिफेक्टिव थी लेकिन खूबसूरती आपके सामने है।

हर टैप पर टावल और साबुन उपलब्ध:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नेे स्वच्छता के लिए जो संदेश दिया उसका सार्थक रूप इस स्कूल में नजर आता है। 26-oct-story-photo-3400 छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल में दर्जन भर से अधिक नल स्कूल में लगाए गए हैं। हर नल पर साबुन और साफ-सुथरा टावल हर समय उपलब्ध रहता है। राजमर्रा की यह प्रणाली किसी तरह से प्रभावित न हो इसके लिए गजब का प्रबंधन स्कूल स्टाफ ने किया हुआ है। स्टाफ व स्कूली बच्चों की एक सेनीटेशन कमेटी का गठन किया हुआ है। पढ़ाई पर किसी तरह का असर न हो इसके लिए इस तरह का प्रबंध किया हुआ है कि स्कूल में एक विद्यार्थी का बमुश्किल से महीने में एक बार ही इस तरह के प्रबंधन की निगरानी हिस्से आती है।

लजीज और शुद्धता परोसता है स्कूल का मीड-डे-मील
माजरा डी के इस स्कूल में मीड-डे-मील के लिए बकायदा मैस तैयार की गई है। पूरी तरह से साफ-सफाई से भोजन तैयार हो इसके लिए स्कूल स्टाफ की मानिटरिंग हर दिन रहती है। शुद्धता के व्यंजन लजीज बने इसका भी खास ख्याल रखा जाता है। स्कूल में सामूहिक रूप से स्कूली बच्चे भोजन करते हैं। 26-oct-story-photo-1

अव्यवस्था और साफ-सफाई में कमी यहां दूर-दर तक नजर नहीं आती। स्कूल में प्राकृतिक और हरियाली के महत्व को भी स्कूली बच्चे और स्टाफ बखूबी समझता है इसलिए पेड़-पौधों की संख्या में भी हर वर्ष इजाफा हो रहा है। अलबत्ता छोटी-छोटी कोशिश से सफलता की बड़ी कहानी कहते स्कूल दूसरे स्कूलों के लिए उदाहरण बना हुआ है।

-माजरा डी. के ग्रामीण और स्कूल स्टाफ इस प्रयास के लिए बधााई के पात्र हैं। माजरा दूबलधन की तरह दूसरे स्कूलों में भी इस तरह के प्रयास होने चाहिए।-आर.सी. बिढ़ाण, उपायुक्त झज्जर।

-माजरा दूबलधन के स्कूल का प्रयास अनूठी मिसाल है। अच्छे माहौल, शिक्षा के बीच अपने स्तर पर किए गए प्रयासों से सफलता स्पष्ट दिखती है।-डा. अनीता, सी.एम.जी.जी.जी.ए.

-निश्चित तौर पर कोशिश का एक कदम बढ़ाने से मुश्किल लगने वाले काम आसान लगने लगते हैं। सफलता की ये कहानियां दूसरों को भी प्ररेंणा देती हैं।-नीरज कुमार, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी, झज्जर।

— जिलेभर में 125 कॉमन सेवा केंद्र सेवारत , एक क्लिक से 152 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध :-बिढ़ान
झज्जर— वर्तमान केंद्र व हरियाणा सरकार की ओर से शुरू की गई डिजिटल इंडिया की मुहिम के माध्यम से लगभग 152 प्रकार की सेवाएं कॉमन सेवा केंद्रों (सीएससी )के माध्यम से घर द्वार तक पंहुच गई है।

उपायुक्त आर सी बिढ़ान ने वर्तमान हरियाणा सरकार के सफलतापूर्वक दो वर्ष पूरे के उपलक्ष्य में जिलावासियों को बधाई देते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ई-प्रणाली से सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली पारदर्शी और गतिमान हुई है।

ई-कार्य प्रणाली से अधिकारियों व कर्मचारियों जवाबदेही और प्रभावी ढ़ंग से तय हुई है। उन्होंने बताया कि जिले भर में 125 कॉमन सेवा केंद्र यानि सीएससी सेंटर्स सेवारत हैं। सीएससी केंद्रों के माध्यम से केंद्र सरकार की 99 और प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के 63 कार्य ऑनलाइन हो रहे हैं। आमजन को छोटे-छोटे कामों के लिए जिला मुख्यालय या उपमंडल मुख्यालय पर किराया लगाकर नहीं आना पड़ता। गांव में स्थापित सीएससी केंद्रों पर विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्रों तक बनवाने की सुविधा दी जा रही है।dc-r-c-bidhan

उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से बागवानी विभाग की चार, वन विभाग की छह,पुलिस विभाग की 14, राजस्व विभाग 11, निर्वाचन विभाग की नौ,मत्स्य विभाग की छह, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की नौ, राजस्व अदालतों की तीन, कृषि विभाग की आठ, ईजीआरएएस के तहत स्टांप पेपर, ऐफिडेविट तथा सभी विभागों की फीस ऑनलाइन जमा करने की सुविधा दी जा रही है। श्री बिढ़ान ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि विभाग, बी2 सेवाएं, बैकिंग, शिक्षा संबंधित सेंवाएं , बीमा सेवाएं, कौशल विकास सेवाएं, प्रशिक्षण संबंधित सेवाओं सहित 99 सेवाएं सीएससी के माध्यम से लोगों को मुहैया करवाई जा रही है।

उपायुक्त ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में पारदर्शी तरीके से ई-प्रणाली के माध्यम से भू-रजिस्टे्रशन, विभिन्न प्रकार के लाईसेंस, ई-टेंडरिंग, ई-टैक्स सिंगल विंडो सिस्टम सहित लगभग सभी विभागों को डिजिटल इंडिया की मुहिम से जोड़ा जा रहा है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन भते, छात्रवृति भत्ते सहित अनेक प्रकार के अनुदान सीधे बैंक खातों के माध्यम से ऑनलाइन कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राशन वितरण प्रणाली को भी डिजिटल कार्यप्रणाली से जोड़ा जा रहा है ताकि पात्र लोगों को उनका पूरा हक मिले सके।

उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान सरकार का प्रयास है कि लोगों को सुविधाजनक तरीके से सेवाएं मुहैया करवाई जाएं। जिला प्रशासन निरंतर प्रयासरत है कि जिले के बाकि गांवों में भी सीएससी केंद्र खोलकर लोगों को उनके घर द्वार पर सरकारी सेवाएं उपलब्ध करवाए। उपायुक्त ने आमजन का आहवान किया वे सीएससी केंद्रों पर मिल रही सेवाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ लें।

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