आरबीआईएच भविष्य के लिए एक निवेश है — गवर्नर शक्तिकांत दास

आरबीआईएच भविष्य के लिए एक निवेश है — गवर्नर शक्तिकांत दास

वित्तीय क्षेत्र में नवोन्मेष को प्रोत्साहित करने और उसका पोषण करने के लिए 100 करोड़ रुपये के शुरुआती अंशदान से स्थापित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के इनोवेशन हब से प्रोटोटाइप, पेटेंट, प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के विकास के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होने और नियामक डोमेन में व्याप्त क्रॉस थिंकिंग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह उम्मीद जताई है।

रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) के उद्घाटन अवसर पर दास ने कहा कि आरबीआईएच भविष्य के लिए एक निवेश है।

आरबीआईएच को कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत धारा 8 की कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है और इसका एक स्वतंत्र निदेशक मंडल है जिसमें चेयरमैन के रूप में सेनापति गोपालकृष्णन और सदस्य के रूप में उद्योग तथा शिक्षा जगत के अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। आरबीआईएच का उद्देश्य वित्तीय समावेशन के अंतर्निहित विषय के साथ वित्तीय क्षेत्र में विश्व स्तर का नवोन्मेष लाना है।

गवर्नर ने कहा कि उद्योग और शिक्षा जगत के प्रतिष्ठित सदस्यों वाले इसके स्वतंत्र निदेशक मंडल की वजह से मुझे इस बात यकीन है कि आरबीआईएच विभिन्न हितधारकों के बीच विचारों को संयोजित करने की सुविधा प्रदान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआईएच के ध्यान का केंद्र देश की कम आमदनी वाली आबादी के लिए वित्तीय सेवाओं और उत्पादों तक पहुंच को बढ़ावा देना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के नवोन्मेष को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य होना चाहिए, जो न केवल प्रक्रियागत क्षमता में सुधार करता हो, बल्कि समाज को भी बदले।

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