- August 8, 2018
स्थायी विकास लक्ष्य समन्वय केंद्र के लिये संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के साथ एक समझौता
चंडीगढ़—————हरियाणा सरकार ने प्रदेश में स्थायी विकास लक्ष्य समन्वय केंद्र (एसडीजीसीसी) स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
हरियाणा सरकार की ओर से वित्त और आयोजना विभाग के प्रधान सचिव, श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की भारत में कन्ट्री निदेशक सुश्री फ्रांसिन पिकअप के साथ नई दिल्ली में एमओए पर हस्ताक्षर किये।
उन्होने बताया कि वित्त और आयोजना विभाग, हरियाणा सरकार की पहल-स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबन्धन संस्थान के एक हिस्से के रूप में स्थायी विकास केन्द्र स्थापित करने के लिए एक एमओए पर हस्ताक्षर किये।
राज्य सरकार 2030 के वैश्विक एजेंडे के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और सरकार ने प्रदेश के भीतर स्थायी विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए स्वयं महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की सांझेदारी में अपना ‘विजन 2030’ दस्तावेज तैयार किया, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा 27 जून,2017 को किया गया।
यह एमओए 6 फरवरी, 2018 को हरियाणा सरकार और यूएनडीपी के बीच हस्ताक्षरित एमओयू के प्रस्ताव को ठोस बनाता है। उन्होंने बताया कि यह एसडीजी समन्वय केंद्र (एसडीजीसीसी) क्षमता निर्माण केंद्र, उत्प्रेरक या संसाधन केंद्र, एक थिंक टैंक, ज्ञान केंद्र तथा राज्य सरकार के सभी सहायक विभागों और मंत्रालयों के लिए एक मोनिटरिंग पोस्ट के रूप में कार्य करेगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके तुरंत बाद लक्ष्य अनुसार सांझेदारी सम्मेलन के साथ-साथ कॉर्पोरेट क्षेत्र के साथ भी सांझेदारी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एसडीजीसीसी उचित प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करने और मास्टर प्रशिक्षकों को तैयार करने सहित क्षमता निर्माण और क्षेत्रीय अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए एक नीति बनाएगा। यह केंद्र हरियाणा की श्रेष्ठ प्रथाओं की पहचान कर एकत्रित करने के लिए सक्षम एजेंसी के माध्यम से एक परियोजना शुरू करेगा।
स्थायी विकास लक्ष्य समन्वय केंद्र (एसडीजीसीसी) के प्रबंधन के लिए तकनीकी सहायता यूएनडीपी की टीम द्वारा प्रदान की जायेगी । यूएनडीपी के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन अगले तीन वर्षों के लिए सांझेदारी की परिकल्पना करता है।