मोस्ट वांटेड कछुआ तस्कर मुर्गेसन दस्तावेज—इन्टरपोल

मोस्ट वांटेड कछुआ तस्कर  मुर्गेसन  दस्तावेज—इन्टरपोल

भोपाल :(सुनीता दुबे)———बाँग्लादेश के ढाका में हुई बैठक में इन्टरपोल ने मोस्ट वांटेड अन्तर्राष्ट्रीय कछुआ तस्कर मुर्गेसन मनिवन्नम की गिरफ्तारी और सजा पर भारत की सराहना की है।

इन्टरपोल ने मध्यप्रदेश एसटीएफ (वन्य प्राणी) की ओर से प्रतिनिधि श्री रितेश सिरोठिया से मुर्गेसन के विरुद्ध जारी किये गये थाईलैण्ड न्यायालय के गिरफ्तारी और अन्य संवेदनशील दस्तावेज साझा किये।

मुर्गेसन को रेडकार्नर नोटिस के बाद थाईलैंड ले जाया जायेगा। बैठक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कछुओं की तस्करी पर प्रभावी रोकथाम लगाने के लिये की गई।

कई देशों में मोस्ट वांटेड मुर्गेसन को मध्यप्रदेश की टीम ने 30 जनवरी 2018 को चैन्नई से गिरफ्तार कर सागर के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने उसकी जमानत खारिज कर दी थी। मुर्गेसन तभी से सागर जेल में सजा काट रहा है।

इन्टरपोल ने इतने बड़े शातिर अपराधी को सफलतापूर्वक बन्दी बनाने के लिये भी भारत (मध्यप्रदेश एसटीएफ) को बधाई दी। इन्टरपोल, बाँग्लादेश, मलेशिया, थाईलैंड आदि कई देशों की कानून प्रर्वतन संस्थाओं, भारत के वाइल्ड लाईफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, अन्य राज्यों की पुलिस और वन विभाग को लम्बे समय से मुर्गेसन की तालाश थी।

मुर्गेसन दुनिया में दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी में तीसरे नम्बर पर काबिज है। सिंगापुर में रहने वाले मुर्गेसन का अवैध व्यापार सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, मकाऊ, हॉगकांग, चीन और मेडागास्कर में फैला है।

अन्तर्राष्ट्रीय वन्य प्राणी तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने में मुर्गेसन की गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण है। मुर्गेसन को इसके पहले 27 अगस्त 2012 को करीब 900 दुर्लभ प्रजाति के कछुओं के साथ बैंकाक एयर पोर्ट से पकड़ा गया था।

उस समय वह गैर-कानूनी तरीके से छूटने में कामयाब हो गया था। मध्यप्रदेश एसटीएफ ने मुर्गेसन के विरुद्ध थाईलैंड और अन्य देशों में अपराधिक रिकार्ड संबंधी जानकारी माँगी थी। इस पर इन्टरपोल ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संबंधित दस्तावेज साझा किये।

वन्य प्राणी एसटीएफ इन दस्तावेजों को विधिक सलाह के बाद न्यायालय में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कर प्रकरण के त्वरित निपटारे के लिये आवेदन करेगा। इससे मुर्गेसन को थाईलैंड की संबंधित कानून प्रवर्तन संस्था को सौंपकर उनके देश में लंबित प्रकरणों के निपटारे के लिये सौंपा जा सकेगा।

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