- November 21, 2020
मॉडर्ना और फाइनजर दाबा है उनकी कोरोना वैक्सीन 90 से 95 फीसदी तक सफल
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मुंबई: (इकोनोमिक टाईम्स) -अमीर भारतीय निवेशकों ने निवेश की ऐसी रणनीति अपनाई है, जो अब वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रही है. वे ऐसी एमएनसी फार्मा कंपनियों के शेयर खरीद रहे हैं, जो कोरोना की वैक्सीन बनाने की दौड़ में सबसे आगे हैं.
बीते दो महीनों में, खासतौर पर हालिया हफ्तों में कई अमीर निवेशकों ने मॉडर्ना, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन, एस्ट्राजेनेका, ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन, एबॉट और सनोफी जैसी फार्मा कंपनियों के शेयरों में निवेश किया है. इन शेयरों में निवेश एलआरएस रूट के तहत किया गया है.
ग्रीन कैपिटल सिंगल फैमिली ऑफिल के संस्थापक और पेशेवर संस्थागत निवेशक नितिन शकधर ने कहा, “एसेट्स में विविधता और हेजिंग की रणनीति की शुरुआत 2014-15 में हुई थी.
कोरोना की महामारी के दौरान इसने फिर से रफ्तार पकड़ी है.”
उन्होंने कहा, “हाल ही में घरेलू और विदेशी बाजारों में फाइजर, एस्ट्राजेनेका, एबॉट, सनोफी जैसी कई कंपनियों के शेयरों में निवेश किया गया है.” मॉडर्ना और फाइनजर ने बताया है कि उनकी कोरोना वैक्सीन 90 से 95 फीसदी तक सफल रही है. इसके बाद से इन शेयरों में जबरदस्त तेजी है,
अमेरिकी बाजार में 1 नवंबर के बाद से मॉडर्ना के शेयर 33 फीसदी तक मजबूत हुए हैं, जबकि फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन, एस्ट्राजेनेका, जीएसके के शेयर 8 से 12 फीसदी तक चढ़े हैं.
अहमदाबाद की फार्मा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर के राजीव म ..
एलआरएस रूट के जरिए भारतीय निवेशक विदेशी शेयरों में $2.5 लाख तक का निवेश कर सकता है. न्यूनतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. वे एक डॉलर से कम भी निवेश कर सकते हैं. अमेरिका बाजार में एक शेयर कई इकाइयों की भी खरीद-फरोख्त होती है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस सिक्योरिटीज, कोटक सिक्योरिटीज, एचडीएफसी सिक्योरिटीज, जियोजीन फाइनेंशियल सर्विसेज, अपस्टॉक्स, स्टॉकल, मास्टरट्रस्ट, विनवेस्टा जैसे प्लेटफॉर्म भारतीय निवेशकों को अमेरिकी शेयर बाजारों में निवेश करने की सुविधा देते हैं. जियोजीत फाइेंशियल के कार्यकारी निदेशक सतीश मेनन ने कहा, “अमीर और रिटेल निवेशकों की तरफ से विदेशी बाजार में निवेश की दिलचस्पी बढ़ी है. साल 2020 की शुरुआत से भारतीय रिटेल निवेशक अमेरिकी बाजारों में 350 करोड़ रुपये के शेयर खरीद चुके हैं.”