- February 13, 2023
मेडिको-लीगल प्रैक्टिस कॉन्फ्रेंस
चंडीगढ़ – हरियाणा के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय ने ‘मेडिको-लीगल प्रैक्टिस में उभरते रुझान’ विषय पर एक दिवसीय प्रथम राज्य स्तरीय मेडिको-लीगल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। सम्मेलन का आयोजन कल्पना चावला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, करनाल के सहयोग से किया गया, जबकि राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ (आरजीएनयूएल), पटियाला इसके लिए नॉलेज पार्टनर था।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने मेडिको-लीगल प्रैक्टिस में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने ‘एमईडीएलईएपीआर’ सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तार से बताया, जिसकी कल्पना उनके द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में उनके कार्यकाल के दौरान की गई थी। कार्यक्रम में आरजीएनयूएल के कुलपति प्रो. डॉ. जीएस बाजपेयी सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने कानूनी मुद्दों पर चिकित्सा पेशेवरों के ज्ञान अद्यतन पर नियमित सत्र आयोजित करने की बात कही।
हरियाणा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के निदेशक डॉ. आदित्य दहिया ने कहा कि सम्मेलन स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी. अनुपमा की देखरेख में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा भविष्य में राज्य भर से चिकित्सा क्षेत्र के लोगों के लिए इस प्रकार के आयोजनों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
सम्मेलन के दौरान, क्षेत्र के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और आरजीयूएनएल के फोरेंसिक मेडिसिन और फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों ने महिला पीडि़ता की मेडिको-लीगल जांच, डीएनए का नमूनाकरण, मेडिको-लीगल प्रैक्टिस, मेडिको-लीगल जिम्मेदारियों के बारे में निर्णय सहित प्रासंगिक विषयों पर प्रस्तुतियां दीं।
इस कार्यक्रम के विशेष आमंत्री हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त श्री टीसी गुप्ता ने कहा कि लाभार्थियों को समय पर उचित सेवा प्रदान करने में एक चिकित्सा पेशेवर प्रभावी भूमिका निभाता है। सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मनीषा भंडारी, अधिवक्ता सुदीप विजयन और एसएसओ, एफएसएल, मधुबन, गरिमा चौधरी तथा अन्य प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार रखे।